केदारनाथ धाम से आठ किमी नीचे रामबाड़ा तक पूरा क्षेत्र बर्फ से अटा पड़ा है। केदारनाथ में एक से दो फीट बर्फ जम चुकी है। बीते दिनों हुई बारिश-बर्फबारी के बाद यहां कड़ाके की ठंड पड़ रही है।
उत्तराखंड में मौसम फिर बदल गया है। बीते दिनों हुई बारिश-बर्फबारी के बाद यहां कड़ाके की ठंड पड़ रही है। उच्च हिमालयी क्षेत्रों में स्त्रोतों और सरोवरों का पानी जम गया है।अक्टूबर से अभी तक उत्तराखंड के कई जिलों में चार बार बर्फ़बारी हो चुकी है, हालांकि भारी बर्फबारी अब तक नहीं हुई है लेकिन राज्य के पहाड़ी क्षेत्र के जिलों में कड़ाके की ठण्ड शुरू हो चुकी है। इन दिनों राज्य में ज्यादातर जगह मौसम शुष्क है। उत्तराखंड मौसम विभाग के अनुसार 18 दिसंबर तक मौसम में बड़ा बदलाव आने की संभावना जताई है। मौसम साफ रहेगा, हालांकि शीतलहर कंपकंपी छुड़ाती रहेगी। उत्तराखंड के चारधामों ने भी बर्फ की सफेद चादर ओढ़ ली है। केदारनाथ में तापमान माइनस डिग्री में पहुंच गया है। केदारनाथ धाम से आठ किमी नीचे रामबाड़ा तक पूरा क्षेत्र बर्फ से अटा पड़ा है। केदारनाथ में एक से दो फीट बर्फ जम चुकी है। कड़ाके की ठंड के बावजूद केदारपुरी में पुनर्निर्माण कार्य जोर-शोर से जारी हैं। यह सभी कार्य अगले सत्र की यात्रा सीजन शुरू होने से पूर्व पूरे किए जाने हैं। केदारनाथ में तीन दिन मौसम बहुत ख़राब हो गया था, जिस कारण वहां तीन दिन बाद शुक्रवार को मौसम खुलने पर केदारनाथ हेलीपैड से बर्फ हटाई गई। हैलीपैड में बर्फ हटाने के बाद ही वायु सेना के चिनूक हेलीकॉप्टर ने वहां पांच टन निर्माण सामग्री पहुंचाई। जिससे वहां काम कर रहे लोगों को भारी राहत मिली।
उत्तराखंड के पिथौरागढ़ जिले में भी ठंड बढ़ने के साथ ही उच्च हिमालय में 12 से 13 हजार फीट से अधिक ऊंचाई पर जल स्रोत के जमने का सिलसिला जारी है। चीन सीमा से लगी व्यास घाटी में अभी गुंजी, कालापानी तक वाहन संचालन जारी है, लेकिन यहां पानी पाइप में जमने लगा है। जिस कारण वहां रहने वाले लोगों का पेयजल आपूर्ति प्रभावित हो रही है। पानी के जमने के कारण से अग्रिम चौकियों पर तैनात जवानों व BRO को इससे परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। 12 हजार फीट से अधिक ऊंचाई वाले स्थानों पर तापमान माइनस 8 से 10 डिग्री पहुंच चुका है। उत्तराखंड का शीतकालीन पर्यटन यहां होने वाली बर्फबारी पर निर्भर है। ऐसे में इस साल दिसंबर के अंत तक अच्छी बर्फबारी होने के आसार है। प्रदेश भर में साल 2014 के दिसंबर महीने में रिकॉर्ड बर्फबारी हुई थी। इस साल पूरे राज्य में 24 इंच बर्फबारी दर्ज की गई थी। इससे पहले साल 2005 में 3.8 इंच बर्फबारी हुई थी। जबकि 2022 के नवंबर और दिसंबर के महीने उत्तराखंड में ना के बराबर बर्फबारी देखने को मिली थी। इसकी बड़ी वजह विंटर बारिश का कम होना बताया गया था। इस साल दिसंबर के अंत में प्रदेश में अच्छी बर्फबारी होने की संभावना है। इससे विंटर ट्रैक जैसे दयारा बुग्याल, नाग टिब्बा व हिल स्टेशन जैसे औली, नैनीताल और मसूरी में पर्यटकों की अच्छी भीड़ देखने को मिलेगी। मौसम विभाग के अनुसार 2023 के अंतिम दिनों में उतराखंड के पर्वतीय क्षेत्रों में भारी मात्रा में बर्फबारी होगी। जिस कारण इस साल का विंटर सीजन का पर्यटन राज्य में भारी मात्रा से चलेगा।