सोमवार को हुई कैबिनेट बैठक में धामी सरकार ने शिक्षक भर्ती में बीएड की अनिवार्यता खत्म कर देने का फैसला लिया है। बीएड की जगह बीएलएड करने वाले युवाओं को प्राथमिक शिक्षक बनने का मौका दिया है।
सोमवार को धामी सरकार की कैबिनेट बैठक हुई। जिसमें सीएम धामी ने कई महत्वपूर्ण फैसले लिए जिनमे से एक एक पहला और महत्वपूर्ण फैसला यह रहा कि उत्तराखंड शिक्षा विभाग के अंतर्गत प्राथमिक शिक्षक की भर्ती के लिए बीएड की योग्यता को खत्म करने को मंजूरी। सीएम धामी ने राज्य की शिक्षक भर्ती में बीएड की अनिवार्यता खत्म कर देने का फैसला लिया है। धामी सरकार ने फैसला किया की अब उत्तराखंड में बीएलएड करने वाले युवाओं को प्राथमिक शिक्षक बनने का मौका दिया जाएगा। इससे पूर्व राज्य में बीएलएड के बाद बीएड वाले युवाओं को ही प्रारंभिक शिक्षक भर्ती परीक्षा के लिए योग्य माना जाता था, लेकिन अब यह नियम धामी सरकार द्वारा बदल दिया गया है।
लोकसभा चुनाव से पहले हुई धामी कैबिनेट बैठक में महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा करते हुए उत्तराखंड के बेसिक शिक्षा निदेशक रामकृष्ण उनियाल के मुताबिक, शासन से भर्ती के संबंध में आदेश मिलने ही भर्ती प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी। प्रदेश में प्रारंभिक शिक्षा में बेसिक के शिक्षकों के पदों पर भर्ती पिछले तीन साल से भी अधिक समय से लटकी है। बैठक में धामी कैबिनेट ने उत्तराखंड राजकीय प्रारंभिक शिक्षा सेवा नियमावली 2012 में संशोधन के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी, जिससे उत्तराखंड प्रारंभिक शिक्षा में शिक्षकों के 3253 पदों पर भर्ती का रास्ता साफ हो गया।