मार्क सीट के गड़बड़ी के कारण उत्तराखंड डाक विभाग ने मार्कशीट को जांच के लिए बिहार बोर्ड के पास भेजा। बिहार बोर्ड ने विभाग को मार्कशीट की जांच रिपोर्ट प्रस्तुत की जिसमें मार्कशीट को फर्जी पाया गया।
लालकुआं निवासी एक युवती पिछले साल हुई ग्रामीण डाक सेवक (GDS) के पद पर चयनित हुई थी. उसके बाद युवती की पोस्टिंग हल्द्वानी के डाक विभाग में हुई. बाद में डाक विभाग को युवती की मार्कशीट फर्जी होने की आशंका हुई. आशंका के चलते विभाग ने युवती की दशवीं की मार्कशीट को जांच के लिए भेजा. विभागीय जांच में युवती की मार्कशीट फर्जी पाई गई. जिसके बाद विभाग ने युवती की नियुक्ति पर रोक लगा दी.
गौरतलब है कि डाक विभाग की ओर से जून 2024 में ग्रामीण डाक सेवक (जीडीएस) भर्ती आयोजित की गई थी. जिसमें अभ्यर्थियों का चयन दशवीं की मार्क सीट के आधार पर किया गया. हल्द्वानी के लाल कुआं की एक युवती का चयन डाक विभाग में इस भर्ती के तहत हुआ था। चयन के बाद, उसे हल्द्वानी के देवलचौड़ शाखा के डाकघर में ब्रांच पोस्टमास्टर के पद पर नियुक्त किया गया। युवती को कुछ समय बाद अपनी ड्यूटी ज्वाइन करनी थी। लेकिन, उसके दस्तावेजों की जांच के दौरान उसकी हाईस्कूल की मार्कशीट में गड़बड़ी पाई गई। मार्कशीट की प्रामाणिकता पर संदेह होने के कारण उसे आगे की जांच के लिए भेजा गया। नतीजतन, विभाग ने उसकी नियुक्ति को निलंबित कर दिया।
दरअसल युवती ने बिहार ओपन बोर्ड की मार्कशीट डाक विभाग की भर्ती के लिए प्रस्तुत की थी। मार्क सीट के गड़बड़ी के कारण उत्तराखंड डाक विभाग ने मार्कशीट को जांच के लिए बिहार बोर्ड के पास भेजा। कुछ समय बाद बिहार बोर्ड ने विभाग को मार्कशीट की जांच रिपोर्ट प्रस्तुत कर दी. जांच रिपोर्ट में भी युवती की मार्कशीट को फर्जी पाया गया। इसके परिणामस्वरूप, डाक विभाग ने चयनित युवती की नियुक्ति को रोक दिया।
सहायक डाक अधीक्षक प्रकाश पाण्डे ने जानकारी दी कि विभाग ने युवती के फर्जी प्रमाणपत्र की संभावना के कारण उसकी नियुक्ति पर रोक लगा दी थी। हाल ही में बिहार बोर्ड से प्राप्त जांच रिपोर्ट में युवती की मार्कशीट को फर्जी पाया गया। इसके परिणामस्वरूप युवती की नियुक्ति को रोक दिया गया। युवती के खिलाफ कोतवाली में शिकायत भी दर्ज कराई गई है और आगे की कार्रवाई की प्रक्रिया जारी है।