एक ओर ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेललाइन का निर्माण कार्य तेजी से रफ्तार पकड़ रहा है, तो वहीं कई जगहों पर इसका विरोध शुरू हो गया है।
ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल परियोजना केंद्र की महत्वाकांक्षी रेल परियोजनाओं में से एक है। एक ओर रेललाइन का निर्माण कार्य तेजी से रफ्तार पकड़ रहा है, तो वहीं कई जगहों पर इसका विरोध भी किया जा रहा है। बुधवार को पौड़ी गढ़वाल के श्रीनगर में भी ग्रामीण रेल सुरंग निर्माण के खिलाफ लामबद्ध हो गए। ग्रामीणों ने सभासद विभोर बहुगुणा के नेतृत्व में रेल सुरंग निर्माण स्थल पर हो रहे निर्माण को रुकवा कर विरोध-प्रदर्शन शुरू कर दिया। ग्रामीण किस बात से नाराज हैं, ये भी बताते हैं। इन दिनों तोल्यूं क्षेत्र में रेल सुरंग निर्माण का काम चल रहा है। ग्रामीणों कहना है कि जिस रास्ते पर निर्माण कराया जा रहा है, वो क्षेत्र की जनता के लिए बहुत जरूरी है। रेल विकास निगम लिमिटेड ने निर्माण कार्य के चलते रास्ता बंद कर दिया है। सुरंग निर्माण के लिए जगह-जगह विस्फोट किए जा रहे हैं, जिससे मकानों पर भी खतरा बना हुआ है। इस संबंध में आरवीएनएल जरूरी कार्रवाई करे।
वहीं रेल सुरंग निर्माण कार्य बंद होने पर स्थानीय प्रशासन के हाथ-पांव फूल गए। आरवीएनएल अधिकारियों को तुरंत मौके पर बुलाया गया। आरवीएनएल के प्रबंधक विनोद बिष्ट ने आंदोलन कर रहे ग्रामीणों से बात की। इस दौरान आंदोलन का नेतृत्व कर रहे विभोर बहुगुणा ने कहा कि तोल्यूं नागराजा मंदिर और जंगल की ओर जाने वाले पुराने आम रास्ते की सुविधा बहाल की जाए। रेल सुरंग निर्माण कार्य से आवासीय भवनों को नुकसान नहीं होना चाहिए। रेल सुरंग निर्माण से अगर किसी मकान को कोई क्षति पहुंचेगी तो आरवीएनएल उसकी क्षतिपूर्ति करेगा। आरवीएनएल के प्रबंधक विनोद बिष्ट ने सभी मांगों को पूरा करने को लेकर लिखित में आश्वासन दिया। तब कहीं जाकर दो घंटे बाद निर्माण कार्य दोबारा शुरू हो सका। बता दें कि रेल लाइन बनाने के लिए हो रहे विस्फोटों से मकानों में दरार पड़ने की घटनाएं दूसरे क्षेत्रों में भी सामने आ चुकी हैं। रुद्रप्रयाग के मरोड़ा गांव के लोग भी इसी तरह की दिक्कतों का सामना कर रहे हैं।