उत्तराखंड के मुख्यमंत्री बने पुष्कर सिंह धामी ने यह घोषणा कर दी है कि वह यूनिफॉर्म सिविल कोड को लेकर एक उच्च स्तरीय कमेटी का गठन करेंगे।
लगातार दूसरी बार उत्तराखंड के मुख्यमंत्री बने पुष्कर सिंह धामी ने यह घोषणा कर दी है कि वह यूनिफॉर्म सिविल कोड को लेकर एक उच्च स्तरीय कमेटी का गठन करेंगे। सीएम धामी ने कहा कि यूनिफॉर्म सिविल कोड को लेकर संकल्प उत्तराखंड की जनता के समक्ष रखा था। उन्होंने जनता से वादा किया था कि सरकार का गठन होते ही यूनिफॉर्म सिविल कोड को लेकर एक उच्च स्तरीय कमेटी का गठन होगा। उन्होंने आगे कहा कि कमेटी एक ड्रॉफ्ट बनाएगी और उसके आधार पर ही उत्तराखंड में यूनिफॉर्म सिविल कोड लागू होगा। उस पर हम कार्रवाई कर रहे हैं और पहली कैबिनेट में हमने कैबिनेट नोट भी बना दिया है, जिस पर तेजी से काम किया जा रहा है। दिल्ली दौरे के दौरान सीएम धामी ने कहा कि पीएम मोदी से कई विकास मुद्दों पर भी चर्चा की गई और जल्द ही उनको धरातल पर उतारा जाएगा जिससे उत्तराखंड की जनता लाभान्वित होगी और उन्होंने पूरा आश्वासन दिया है उन सभी पर काम जल्द ही होगा।
चलिए आपको बताते हैं कि यूनिफॉर्म सिविल कोड आखिर है क्या और देश के किन राज्यों में यह सिविल कोड लागू हो रहा है। यूनिफॉर्म सिविल कोड को हिंदी भाषा में समान नागरिक संहिता कहा जाता है। इसका बेहद सरल अर्थ है देश के हर शहरी के लिए एक जैसा कानून लागू हो। इसके तहत एक शहरी किसी भी धर्म-मज़हब से संबंध रखता हो, सभी के लिए एक ही कानून होगा। इसको धर्मनिर्पेक्ष कानून भी कहा जा सकता है। इसका मतलब विवाह, तलाक और जमीन जायदाद के मामलों में सभी धर्मों के लिए एक ही कानून होगा। ताज्जुब की बात है कि अब तक आपने अलग-अलग राज्यों के अलावा केंद्र सरकार की तरफ से भी कई बार यूनिफॉर्म सिविल कोड लागू करने की बात सुनी होगी लेकिन इस पर कोई अमल नहीं हो पाया है। देश का सिर्फ एक ही राज्य ऐसा है जहां पर यूनिफॉर्म सिविल कोड लागू है। उस राज्य का नाम है गोवा। इस राज्य में पुर्तगाल सरकार ने ही यूनिफार्म सिविल कोड लागू किया था। अब उत्तराखंड के सीएम धामी यूनिफॉर्म सिविल कोड को उत्तराखंड में लागू करने की ओर जोरों-शोरों से काम कर रहे हैं।