उत्तराखंड विद्युत नियामक आयोग राज्य में नई विद्युत दरें जारी करने जा रहा है। बिजली की नई दरें 1 अप्रैल से ही मानी जाएंगी। यूपीसीएल द्वारा इस हप्ते के आखिरी तक बिजली की नई दरें जारी की जा सकती हैं।
लोक सभा चुनाव 19 अप्रैल को राज्य में संपन्न होने के बाद नियामक आयोग ने चुनाव आयोग से नई विद्युत दरें जारी करने को लेकर निर्देश मांगे थे। चुनाव आयोग ने नियामक आयोग को नई विद्युत दरें जारी करने की अनुमति दे दी है। राज्य में 27 लाख से अधिक उपभोक्ताओं के लिए ये बिजली की नई दरें जारी होंगी। राज्य में बिजली दर बढ़ाने का कारण ये है कि यूपीसीएल को जनता की मांग को पूरी करने के लिए बिजली खरीद पर 1281 करोड़ रूपये ज्यादा देने पड़ रहे हैं। जिसकी भरपाई के लिए यूपीसीएल राज्य में बिजली की दर में बढ़ोतरी करने जा रहा है। नियामक आयोग ने चुनाव आयोग से एक अप्रैल को वित्तीय वर्ष शुरू होने के साथ ही यूपीसीएल ने बिजली दरों में 23 से 27 प्रतिशत बढ़ोतरी की सिफारिश की थी। चुनाव आयोग ने आचार संहिता के बीच नियामक आयोग को बिजली की नई दर लागू करने की अनुमति दे दी है। नियामक आयोग के सचिव नीरज सती ने कहा कि नियामक आयोग ने चुनाव आयोग से नई विद्युत दरें जारी करने को लेकर निर्देश मांगे थे। चुनाव आयोग ने अब बिजली दर जारी करने की अनुमति दे दी है। नियामक आयोग अब बिजली दरें जारी तैयारी कर रहे हैं। इस सप्ताह के अंत तक नई दरों की घोषणा की जा सकती है, बिजली की नई दरें एक अप्रैल से ही लागू मानी जाएंगी।
नियामक आयोग द्वारा चुनाव आयोग से एक अप्रैल को वित्तीय वर्ष शुरू होने के साथ ही यूपीसीएल ने बिजली दरों में 23 से 27 प्रतिशत बढ़ोतरी की सिफारिश की गई थी। लेकिन चुनाव आचार संहिता के लागू होने कारण इसकी अनुमति नहीं मिल पाई। लेकिन अब चुनाव आचार संहिता के बीच में ही चुनाव आयोग ने नियामक आयोग को बिजली दर जारी करने की अनुमति दे दी है। उपभोक्ताओं को अब 23 से 27 प्रतिशत अधिक बिजली बिल जमा करना होगा। राज्य में बिजली दर बढ़ाने का कारण ये है कि यूपीसीएल को जनता की मांग को पूरी करने के लिए बिजली खरीद पर 1281 करोड़ रूपये ज्यादा देने पड़ रहे हैं। जिसकी भरपाई के लिए यूपीसीएल राज्य में बिजली की नई दर लागू करने जा रहा है। बिजली की नई दरें 1 अप्रैल से ही मानी जाएंगी। यूपीसीएल द्वारा इस हप्ते के आखिरी तक बिजली की नई दरें जारी की जा सकती हैं।