यूपीसीएल अगस्त के महीने से स्मार्ट प्रीपेड मीटर लगाने का काम शुरू करने वाला है। इसके लिए कंट्रोल रूम भी तैयार हो चुका है।
उत्तराखंड में 2025 तक केंद्रीय ऊर्जा मंत्रालय की योजना के तहत 15,84,205 घरों में स्मार्ट प्रीपेड मीटर लगाए जाएंगे। इसके साथ ही 38,016 ट्रांसफार्मर और 33 केवी के 379 व 11 केवी के 1254 फीडरों पर भी ये मीटर स्थापित किए जाएंगे। ये स्मार्ट मीटर प्रीपेड की तरह काम करेंगे और बिजली रिचार्ज समाप्त होने पर एसएमएस के जरिए सूचित करेंगे। यूपीसीएल के एमडी अनिल कुमार के अनुसार, इस प्रणाली से बिजली की खपत की जानकारी घंटा, दिन और वर्ष के आधार पर प्राप्त की जा सकेगी।
उपभोक्ताओं की बिजली के अधिक उपयोग की भी सूचना मिल जाएगी, साथ ही बिजली आपूर्ति और मांग का डेटा भी आसानी से उपलब्ध होगा। इससे बिजली चोरी पर प्रभावी नियंत्रण संभव होगा। बिलिंग से जुड़ी समस्याएं समाप्त हो जाएंगी और विवादों का समाधान भी आसान होगा। इसके साथ ही लोगों को बिजली बचाने की प्रेरणा भी मिलेगी। ऐसी 10 लाख की आबादी है जहां इंटरनेट कनेक्टिविटी की सुविधा नहीं है, इसलिए वहां बिना इंटरनेट वाले प्रीपेड मीटर लगाए जाएंगे। यूपीसीएल मुख्यालय में प्रीपेड मीटर के लिए एक कंट्रोल रूम बनाया जा रहा है। पहले एक ट्रायल चलेगा और उसके बाद इसी माह से स्मार्ट मीटर लगाने का काम शुरू होगा। प्रत्येक मीटर की औसत लागत लगभग छह हजार रुपये होगी, जिसमें से 22.5 प्रतिशत केंद्र की ओर से ग्रांट के रूप में मिलेगा। बाकी खर्च मीटर लगाने वाली कंपनी को यूपीसीएल द्वारा प्रति मीटर प्रतिमाह 10 साल तक प्रदान किया जाएगा। उपभोक्ताओं को इस मीटर के लिए कोई अतिरिक्त खर्च नहीं उठाना पड़ेगा।