उत्तराखंड में इलेक्ट्रिक वाहनों की संख्या में निरंतर वृद्धि हो रही है और लोग इसमें रुचि भी दिखाने लगे हैं। इस दिशा में परिवहन विभाग अब इलेक्ट्रिक वाहनों के चार्जिंग स्टेशनों का नेटवर्क बढ़ाने की योजना बना रहा है।
उत्तराखंड परिवहन विभाग ने प्रदेश में इलेक्ट्रिक वाहनों के चार्जिंग स्टेशनों की संख्या बढ़ाने की योजना तैयार की है। पहले चार मार्गों में से तीन यमुनोत्री, केदारनाथ और बदरीनाथ में 27 चार्जिंग स्टेशनों के लिए वित्तीय सहायता प्रदान की गई है। ये स्टेशन अब कार्य करने लगे हैं। अब परिवहन विभाग की योजना मैदानी क्षेत्रों में 30 से 35 इलेक्ट्रिक वाहन चार्जिंग स्टेशनों की स्थापना करने की है। चारधाम यात्रा मार्गों पर पहले से स्थापित चार्जिंग स्टेशनों के सफल संचालन के बाद विभाग अब अन्य प्रमुख पर्यटन स्थलों और मैदानी क्षेत्रों पर ध्यान केंद्रित कर रहा है। मैदानी इलाकों में 30 से 35 नए इलेक्ट्रिक वाहन चार्जिंग स्टेशनों की स्थापना की जाएगी। इलेक्ट्रिक वाहनों की बढ़ती संख्या और आम जनता की इस दिशा में बढ़ती रुचि सरकार के लिए सकारात्मक संकेत है। केंद्र सरकार ने भी राज्यों को इलेक्ट्रिक वाहनों के उपयोग को प्रोत्साहित करने के निर्देश दिए हैं, जिसके चलते सरकारी विभागों में इलेक्ट्रिक वाहनों की खरीद प्रक्रिया भी शुरू की जा रही है।
राज्य सरकार ने इलेक्ट्रिक वाहनों की बढ़ती मांग को देखते हुए विभिन्न स्थानों पर चार्जिंग स्टेशनों की स्थापना के लिए दिशा-निर्देश जारी किए हैं। परिवहन विभाग ने गढ़वाल मंडल विकास निगम को चारधाम यात्रा के प्रमुख मार्गों—यमुनोत्री, केदारनाथ और बदरीनाथ में 27 चार्जिंग स्टेशनों के लिए वित्तीय सहायता प्रदान की है, जो अब कार्यरत हैं। इसके अलावा गंगोत्री मार्ग पर केंद्र सरकार की एजेंसी द्वारा सर्वेक्षण किया गया है और यह एजेंसी यहां चार्जिंग स्टेशन लगाने की जिम्मेदारी संभालेगी। पहले चरण में पर्वतीय क्षेत्रों में चार्जिंग स्टेशनों की स्थापना के सफलतापूर्वक पूरा होने के बाद, परिवहन विभाग अब मैदानी क्षेत्रों में इसी दिशा में आगे बढ़ रहा है। वर्तमान में अधिकतर चार्जिंग स्टेशन निजी क्षेत्र द्वारा संचालित हैं, लेकिन उनकी संख्या अभी भी सीमित है। विभाग देहरादून, हरिद्वार, ऊधम सिंह नगर, नैनीताल और पर्यटन स्थलों जैसे रानीखेत तथा कौसानी में नए इलेक्ट्रिक वाहन चार्जिंग स्टेशनों की योजना बना रहा है। यह प्रयास आगामी पर्यटन सीजन यानी मई 2025 से पहले पूरे करने का लक्ष्य रखा गया है।