उत्तराखंड के चमोली जिले की भागीरथी बिष्ट ने अटारी बॉर्डर पर 42 किमी मैराथन में फर्स्ट प्राईज जीता। कुल 1614 धावकों को पीछे छोड़ते हुए उत्तराखंड की धाविका भागीरथी बिष्ट ने पहला स्थान प्राप्त किया
उत्तराखंड के चमोली जिले की भागीरथी बिष्ट किसी परिचय की मोहताज नहीं हैं, पिछले साल सितबंर में आयोजित कश्मीर मैराथन में भी पहाड़ की ये बेटी प्रथम स्थान प्राप्त कर चुकी हैं। इस साल भी बॉर्डर सिक्यूरिटी फोर्सेज ने अटारी अमृतसर बॉर्डरमैन मैराथन-2024 का आयोजन किया था। इस मैराथन की 42 किलोमीटर दौड़ में उत्तराखंड की इस होनहार धावक ने बॉर्डर पर सफलता के झंडे गाड़ दिए। भागीरथी बिष्ट की दौड़ के सामने पूरे भारतवर्ष और पडोसी देशों से भी आये धावक कहीं नहीं ठहर पाए। कुल 1614 धावकों को पीछे छोड़ते हुए उत्तराखंड की धाविका भागीरथी बिष्ट प्रथम स्थान प्राप्त किया। दरअसल उत्तराखंड के पहाड़ों में रहने वाले लोगों की दिनचर्या ही ऐसी होती है उन्हें उतार चढ़ाव को पार कर अपने दिन भर के काम करने होते हैं। भागीरथी की दृढ़ इच्छाशक्ति और शारीरिक क्षमता ने BSF के अधिकारियों को भी हैरान कर दिया। आगे पढ़िए...
BSF की अटारी अमृतसर बॉर्डरमैन मैराथन प्रतियोगिता 2024 में तीन प्रतिभागियों को पदक, सम्मान राशी के साथ प्रमाण पत्र देकर सम्मानित किया गया। बीएसएफ महिला बैंड ने BSF की धुन के साथ सभी धावकों का स्वागत किया। इसके बाद BSF के जवानों द्वारा सांस्कृतिक कार्यक्रम भी प्रस्तुत किए गए। इस आयोजन में देशभर और पडोसी देशों के 1614 धावकों ने प्रतिभाग किया था। भागीरथी ने पहाड़ियों की दृढ़ इच्छाशक्ति, कौशल और क्षमता दिखाते हुए 42 किलोमीटर की मैराथन जीती। 42 किलोमीटर की लम्बी दौड़ में शारीरिक क्षमताओं से जुडी सभी मिथ्याओं को झुठलाते हुए चमोली की भागीरथी बिष्ट ने उत्तराखंड को एक बार फिर गौरवान्वित किया है। उत्तराखंड की इस बेटी को राज्य समीक्षा सेल्यूट करता है। बढ़ते रहो, अपना, अपने माता पिता का और अपनी जन्मभूमि का नाम रौशन करती रहो।