योजना का फायदा राज्य में संचालित स्वैच्छिक व राजकीय गृहों में रह रहे अनाथ बच्चों को मिलेगा। इसके लिए अनाथ या प्रभावित बच्चों का रजिस्ट्रेशन कराना होगा।
चुनावी साल में राज्य सरकार ने अनाथ बच्चों को लेकर एक बड़ा ऐलान किया है। उत्तराखंड में जन्म से 21 वर्ष की आयु तक के अनाथ बच्चों को सरकारी व अशासकीय सेवाओं में सीधी भर्ती के पदों पर पांच प्रतिशत क्षैतिज आरक्षण मिलेगा। योजना का फायदा राज्य में संचालित स्वैच्छिक व राजकीय गृहों में रह रहे अनाथ बच्चों को होगा। इसके लिए अनाथ या प्रभावित बच्चों का रजिस्ट्रेशन कराना होगा। जिला प्रोबेशन अधिकारी की सिफारिश पर दस्तावेजों के परीक्षण के बाद जिला अधिकारी के कार्यालय में रजिस्ट्रेशन का प्रोसेस होगा। महिला सशक्तीकरण एवं बाल विकास विभाग के आंकड़ों पर गौर करें तो इस वक्त राज्य में संचालित स्वैच्छिक व राजकीय गृहों में 735 बच्चे निवास कर रहे हैं। इनमें 100 से ज्यादा बच्चे ऐसे हैं, जिनके माता-पिता नहीं है, और कोई रिश्तेदार भी नहीं है।
इस तरह राज्य में ऐसे बच्चों की बड़ी संख्या है, जिन्हें भविष्य में सरकारी नौकरियों में क्षैतिज आरक्षण का फायदा मिलेगा। अधिसूचना में और क्या लिखा है, ये भी बताते हैं। इसके अनुसार योजना का लाभ ऐसे बच्चों को मिलेगा, जो स्थाई निवासी हों और जिनके जैविक या दत्तक माता-पिता दोनों की मृत्यु जन्म से 21 वर्ष तक की अवधि में हुई हो। जिन बच्चों के माता-पिता या रिश्तेदारों की कोई जानकारी नहीं है उन्हें अनाथ बच्चों की श्रेणी में रखा गया है। मंगलवार को सचिव (कार्मिक एवं सतर्कता) अरविंद सिंह ह्यांकी ने क्षैतिज आरक्षण के संबंध में नियमावली की अधिसूचना जारी कर दी। नियमावली लागू होने के बाद अनाथ या प्रभावित बच्चों का पंजीकरण संबंधित जिले के जिला प्रोबेशन अधिकारी की सिफारिश पर जिला अधिकारी के कार्यालय में कराना होगा। दस्तावेजों की जांच होने पर उप जिलाधिकारी स्तर के अधिकारी द्वारा प्रमाण पत्र जारी किया जाएगा। जिसके बाद बच्चे सरकारी योजना का लाभ उठा सकते हैं।