नीमा सिर्फ 22 साल की थी। बीते अप्रैल में उसकी शादी हुई थी। वो प्रेग्नेंट थी। घर में नए शिशु के स्वागत की तैयारियां चल रही थीं, लेकिन खाना बनाने के लिए ईंधन भी जरूरी था।
हरी-भरी वादियां, आसमान से बातें करते पहाड़ और तन-मन को सुकून देती ठंडी हवा...ये लाइनें पढ़ने में अच्छी हैं। जिन लोगों को पहाड़ भाते हैं, उन्हें जिंदगी का असली फलसफा सी लगती हैं, लेकिन ये पूरा सच नहीं है। पहाड़ की जिंदगी कितनी कठिन है, ये वहां रहने वाली महिलाओं से पूछिए। दिनभर घर, खेतों और जंगलों में खटने के बाद भी उन्हें सुकून मयस्सर नहीं हो पाता। कभी ये महिलाएं गुलदार-बाघ के हमले में जान गंवाती हैं तो कभी जंगलों में होने वाले हादसों की भेंट चढ़ जाती हैं। बागेश्वर के कपकोट में रहने वाली नीमा देवी के साथ भी यही हुआ। पहाड़ी से गिरने की वजह से नीमा की मौत हो गई। नीमा सिर्फ 22 साल की थी। बीते अप्रैल में उसकी शादी हुई थी। वो प्रेग्नेंट थी। घर में नए शिशु के स्वागत की तैयारियां चल रही थीं, लेकिन खाना बनाने के लिए ईंधन भी जरूरी था। नीमा ईंधन और मवेशियों के लिए चारा-पत्ती लेने जंगल गई थी। इसी दौरान वो हादसे का शिकार हो गई। पहाड़ी से पैर फिसलने की वजह से नीमा गहरी खाई में गिर गई, जिससे उसकी मौत हो गई। नीमा चुचेर गांव में परिवार के साथ रहती थी। उसकी मौत से गांव में रहने वाला हर शख्स गमगीन है। परिवार वालों के आंसू नहीं थम रहे। वो उस घड़ी को कोस रहे हैं, जब उन्होंने नीमा को जंगल भेजा था। बहरहाल पुलिस ने पोस्टमार्टम के बाद शव परिजनों को सौंप दिया है। मामले की जांच जारी है।