इन दिनों बदरीनाथ धाम में कड़ाके की ठंड पड़ रही है। हिमपात भी हुआ है। इसके बावजूद श्रद्धालुओं के उत्साह में किसी तरह की कमी नहीं आई। हर दिन हजारों श्रद्धालु धाम पहुंच रहे हैं।
हर साल की तरह इस बार भी चारधाम यात्रा को लेकर श्रद्धालुओं में जबरदस्त उत्साह दिखा। दिवाली के बाद तीन धामों के कपाट बंद हो गए हैं, लेकिन बदरीनाथ धाम में श्रद्धालुओं के आने का सिलसिला जारी है। दिवाली के बाद बदरीनाथ धाम आने वाले श्रद्धालुओं की संख्या में तेजी से इजाफा हुआ है। बदरीनाथ धाम में हर दिन लगभग ढाई हजार तीर्थयात्री दर्शनों के लिए पहुंच रहे हैं। इससे वो लोग बेहद खुश हैं, जिनकी आजीविका चारधाम यात्रा से जुड़ी है। बात करें बदरीनाथ धाम की तो यहां 18 सितंबर से अभी तक 1 लाख 60 हजार से अधिक तीर्थयात्री भगवान बद्री विशाल के दर्शन कर चुके हैं। श्रद्धालुओं के पास 20 नवंबर तक भगवान बद्री विशाल का आशीर्वाद लेने का अवसर है। 20 नवंबर को बदरीनाथ धाम के कपाट बंद हो रहे हैं। इन दिनों बद्रीनाथ धाम में कड़ाके की ठंड पड़ रही है। हिमपात भी हुआ है। इसके बावजूद श्रद्धालुओं के उत्साह में किसी तरह की कमी नहीं देखी गई। श्रद्धालुओं की संख्या हर दिन बढ़ रही है। अगर श्रद्धालुओं की संख्या इसी रफ्तार से बढ़ती रहेगी, तो 15 नवंबर तक पिछले सारे रिकॉर्ड ध्वस्त हो जाएंगे। आपको बता दें कि चारधाम यात्रा के तहत केदारनाथ धाम के कपाट 6 नवंबर को बंद किए गए। बाबा की उत्सव डोली अपने शीतकालीन गद्दीस्थल ओंकारेश्वर मंदिर ऊखीमठ के लिए प्रस्थान कर चुकी है। कोरोना काल में चारधाम यात्रा कई पाबंदियों के साथ शुरू हुई थी, हालांकि बाद में पाबंदियों को हटा दिया गया। जिसके बाद यात्रियों की संख्या में तेजी से इजाफा हुआ। बदहाल सड़कों और खराब मौसम के बावजूद श्रद्धालु बड़ी तादाद में चारधाम की यात्रा पर उत्तराखंड पहुंचे, यहां पहुंचकर भगवान बद्री विशाल और बाबा केदार का आशीर्वाद लिया।