राज्य में हर साल बिजली की दरें निर्धारित होती हैं. इस बार भी आम जनता को एक अप्रैल से नई बदली हुई बिजली दरों के लिए तैयार रहना होगा.
उत्तराखंड में बिजली की नई दरें एक अप्रैल से लागू हो जाएंगी. विद्युत नियामक आयोग मार्च अंतिम सप्ताह में नई दरें लागू कर देगा. जन सुनवाई की प्रक्रिया पूरी होने के बाद अब दरों को अंतिम रूप दिया जा रहा है. राज्य में हर साल बिजली की दरें निर्धारित होती हैं. इस बार भी आम जनता को एक अप्रैल से नई बदली हुई बिजली दरों के लिए तैयार रहना होगा. इसके लिए विद्युत नियामक आयोग के स्तर पर तैयारियों को अंतिम रूप दिया जा रहा है. आयोग ने गढ़वाल और कुमाऊं में अलग अलग स्थान पर जनसुनवाई की. लोगों से ऊर्जा निगम के बिजली दरें साढ़े पांच प्रतिशत बढ़ाए जाने के प्रस्ताव पर सुझाव और आपत्तियां मांगी. घरेलू बिजली उपभोक्ताओं के साथ ही व्यवसायिक, औद्योगिक वर्ग के उपभोक्ताओं से उनकी राय मांगी गई. अब सुनवाई प्रक्रिया पूरी हो चुकी है. हालांकि, आयोग ने पिछले कई समय से जनता के पक्ष को सुनते हुए अपना रुख नरम रखा है.
पिछले चार साल की बिजली दरें
ऊर्जा निगम ने वर्ष 2021 में 13.25 प्रतिशत बिजली दरों में बढ़ोत्तरी का प्रस्ताव विद्युत नियामक आयोग को भेजा था. आयोग ने बिजली दरों में 3.54 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी की. वर्ष 2020 में छह प्रतिशत बढ़ोत्तरी का प्रस्ताव भेजा गया. आयोग ने दरें बढ़ाने की बजाय चार प्रतिशत कम कर दीं. 2019 में आयोग को 16 प्रतिशत दरें बढ़ाने का प्रस्ताव भेजा गया. आयोग ने 2.79 प्रतिशत दरें बढ़ाईं. 2018 में 13.44 प्रतिशत बढ़ोत्तरी के प्रस्ताव पर आयोग ने दरों में बहुत अधिक बढ़ोत्तरी नहीं की.
पिछले लंबे समय से जनता के प्रति आयोग नरम
विद्युत नियामक आयोग पिछले लंबे समय से जनता के प्रति नरम रुख अपनाए हुए है. ऊर्जा निगम के दरों में बढ़ोत्तरी के भारी भरकम प्रस्ताव पर मुहर लगाने की बजाय आयोग मामूली बढ़ोत्तरी कर रहा है. आयोग का तर्क है कि ऊर्जा निगम के खर्चों, लाइन लॉस का भार आम जनता पर पड़ने नहीं दिया जाएगा. ऊर्जा निगम के बिजली दरें बढ़ाने के प्रस्ताव को अंतिम रूप दिया जा रहा है. जन सुनवाई की प्रक्रिया पूरी कर दी गई है. अब जल्द से जल्द बिजली की नई दरों को जारी कर दिया जाएगा. – एमके जैन, सदस्य विद्युत नियामक आयोग