तृतीय केदार भगवान तुंगनाथ के शीतकालीन गद्दी स्थल मक्कूमठ में शुक्रवार को विधिवत पूजा पाठ के साथ महायज्ञ शुरू हुआ। 18 वर्षों बाद आयोजित इस धार्मिक अनुष्ठान में सैकड़ों ग्रामीण शामिल होकर पुण्य लाभ अर्जित कर रहे हैं।
तृतीय केदार भगवान तुंगनाथ के शीतकालीन गद्दी स्थल मक्कूमठ में शुक्रवार को विधिवत पूजा पाठ के साथ महायज्ञ शुरू हुआ। 18 वर्षों बाद आयोजित इस धार्मिक अनुष्ठान में सैकड़ों ग्रामीण शामिल होकर पुण्य लाभ अर्जित कर रहे हैं। महायज्ञ के आयोजन से क्षेत्र में भक्तिमय माहौल बना है।
श्री बदरीनाथ-केदारनाथ मन्दिर समिति व ग्राम पंचायत मक्कूमठ तथा पावजगपुड़ा के सहयोग से मंगलवार से गणेशादि पंचांग पूजन व हरिद्रादि सर्वारम्भ के साथ धार्मिक अनुष्ठान का शुभारंभ किया गया था। 11 दिवसीय महायज्ञ में प्रतिदिन आचार्यों द्वारा हवन कुंड में अनेक प्रकार की आहुतियां डालकर विश्व शान्ति व कल्याण की कामना की जाएगी। शुक्रवार को प्रातः पूजा अर्चना के साथ हवनकुंड में महायज्ञ का शुभारंभ किया गया। 1 मई को कलश यात्रा आयोजित की जाएगी जबकि 2 मई को पूर्णाहुति के साथ महायज्ञ का समापन होगा।
यहां 18 वर्षों बाद हो रहे महायज्ञ को लेकर तुंगनाथ घाटी का माहौल भक्तिमय बना है। इस मौके पर बीकेटीसी सदस्य श्रीनिवास पोस्ती, प्रभारी कार्याधिकारी आरसी तिवारी, वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी आरके नौटियाल, पुजारी शिवशंकर लिंग, शिवलिंग, मठापति रामप्रसाद मैठाणी, आचार्य लम्बोदर प्रसाद मैठाणी, युद्धवीर पुष्पवान, प्रकाश पुरोहित, मृत्युंजय हीरेमठ, प्रधान विजयपाल नेगी, पंचपुरोहित अध्यक्ष रिवाधर मैठाणी, मुरलीधर मैठाणी, आशीष मैठाणी, दीपक पंवार आदि मौजूद थे।