देवभूमि को कलंकित करने वाले अंकिता हत्याकांड मामले में संदिग्ध भूमिका में रहे पटवारी वैभव प्रताप सिंह को निलंबित कर दिया गया।
देवभूमि को कलंकित करने वाले अंकिता हत्याकांड मामले में संदिग्ध भूमिका में रहे पटवारी वैभव प्रताप सिंह को निलंबित कर दिया गया। जिलाधिकारी डॉ विजय कुमार ने पीड़ित पक्ष की रिर्पोट लिखने में हीलाहवाली करने और लापरवाही बरतने पर उन्हें निलंबित किया। अंकिता हत्याकांड के मामले में शुरू से ही पटवारी वैभव प्रताप सिंह पर सवाल खड़े किए जा रहे थे। संबंधित उप निरीक्षक के खिलाफ लोगों में जर्बदस्त आक्रोश था। 19 सितम्बर को अंकिता की गुमशुदगी की जानकारी मिलने पर भी संबंधित राजस्व उप निरीक्षक द्वारा इस संबंध में गुमशुदगी की सूचना न तो उच्च अधिकारियों को दी और न ही इस मामले में कोई कार्रवाई की। जांच में यह भी तथ्य सामने आए कि वैभव प्रताप सिंह राजस्व उप निरीक्षक ने अंकिता भंडारी की गुमशुदगी की जानकारी उनके पिता वीरेंद्र भंडारी को 19 सितम्बर को दी थी बावजूद काई प्राथमिकी दर्ज नहीं की। जबकि पटवारी अवकाश पर चले गए। इसको लेकर लोगों में आक्रोश था।