देवभूमि उत्तराखंड धार्मिक मान्यताओं-परंपराओं वाला प्रदेश है. रक्षाबंधन की पूर्व संध्या पर एक ऐसी ही अनोखी परंपरा रुद्रप्रयाग जिले में निभाई जाएगी.
देवभूमि उत्तराखंड धार्मिक मान्यताओं-परंपराओं वाला प्रदेश है. रक्षाबंधन की पूर्व संध्या पर एक ऐसी ही अनोखी परंपरा रुद्रप्रयाग जिले में निभाई जाएगी. आज रात यहां केदारनाथ धाम और विश्वनाथ मंदिर गुप्तकाशी में अन्नकूट मेले का आगाज होगा. आज शाम केदारनाथ भगवान को नये अनाज का भोग लगाया जायेगा. स्थानीय भाषा में इसे भतूज मेला भी कहा जाता है. इस दौरान बाबा केदार के स्वयंभू लिंग को खाद्य सामग्री से लेपा जायेगा. साथ ही तमाम तरह के पकवान बाबा को भोग के तौर पर चढ़ाए जाएंगे. इस मेले को लेकर केदारनाथ में खूब चहल कदमी है. आगे पढ़िए
बुधवार शाम को भगवान केदारनाथ की आरती के बाद स्वयंभू लिंग को पके चावलों से ढककर उसका श्रृंगार किया जाएगा. इस दौरान रात भर मंदिर के कपाट खुले रहेंगे और श्रद्धालु आराध्य के दर्शन कर सकेंगे. इसके बाद बृहस्पतिवार को रक्षाबंधन के पावन पर्व पर सुबह स्वयंभू लिंग पर लगे पके चावलों को उतारकर मंदाकिनी नदी में प्रवाहित किया जाएगा. इधर, विश्वनाथ मंदिर गुप्तकाशी में भी भतूज मेला को लेकर सभी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं. भतूज मेले के आयोजन के पीछे एक विशेष धार्मिक मान्यता है. कहते हैं कि भगवान शिव अनाज से विषाक्त पदार्थों को समाप्त कर देते है. इसलिए उन्हें अन्न का भोग लगाया जाता है.