अभी तक अनुबंध को बिल्डर अपनी मनमर्जी से तैयार करते थे, जिसमें खरीदारों के साथ धोखाधड़ी की संभावना बनी रहती है।
उत्तराखंड सरकार ने बिल्डरों की मनमानी रोकने के लिए बड़ा कदम उठाया है। प्रदेश मंत्रिमंडल ने उत्तराखंड भू संपदा विनियमन एवं विकास (विक्रय करार) नियमावली को मंजूरी दे दी है। इसके तहत मकान या प्लाट खरीदने वाले और बिल्डर के बीच क्रय-विक्रय अनुबंध के लिए एक प्रारूप तैयार करने पर सहमति बनी है। नियमावली में निर्माण के आधार पर खरीददारों से भुगतान समेत अन्य शर्तें तय की गई हैं। नियमावली तैयार होने से उपभोक्ताओं को फायदा होगा। दरअसल अभी तक अनुबंध को बिल्डर अपनी मनमर्जी से तैयार करते थे, जिसमें खरीदारों के साथ धोखाधड़ी की अधिक आशंकाएं रहती हैं। नई नियमावली लागू होने पर बिल्डर अपनी मनमानी नहीं कर पाएंगे।
बुधवार को सचिवालय में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में हुई मंत्रिमंडल की बैठक में उत्तराखंड भू संपदा नियामक प्राधिकरण(रेरा) की ओर से केंद्र की तर्ज पर तैयार नियमावली पर चर्चा हुई। साथ ही 14 अन्य प्रस्तावों पर भी कैबिनेट ने मुहर लगा दी। बदरीनाथ और केदारनाथ धाम में निर्माण कार्यों में तेजी लाने के लिए आईएनआई कंसलटेंसी एजेंसी को अधिक मानवशक्ति के इस्तेमाल की मंजूरी दी गई है। केदारनाथ में दूसरे चरण के पुनर्निर्माण कार्य के लिए जमीन उपलब्ध न होने की स्थिति में सरकार ने यहां दो मंजिला भवन निर्माण की अनुमति दी है। एकीकृत बागवानी विकास परियोजना की क्रियान्वयन इकाई के लिए 70 पद सृजित किए जाएंगे। 526 करोड़ की यह परियोजना पहले चरण में नैनीताल, पिथौरागढ़, टिहरी व उत्तरकाशी में संचालित की जाएगी।