उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत एक्सीडेंट के बाद जौलीग्रांट अस्पताल में भर्ती हुए हैं। CBI ने अस्पताल में ही पूर्व CM को नोटिस देते हुए सात नवंबर को अपनी आवाज का नमूना देने के लिए बुलाया है।
प्रदेश के पूर्व CM हरीश रावत एक्सीडेंट के बाद जौलीग्रांट हॉस्पिटल में अपना इलाज करवा रहे हैं। इसी बीच अस्पताल में सीबीआई (CBI) आयी और उन्होंने पूर्व CM हरीश रावत को एक नोटिस थमाया। सीबीआई ने पूर्व CM हरीश रावत को 7 नवंबर को अपनी आवाज का नमूना देने के लिए बुलाया है। इस बात की जानकारी स्वयं पूर्व CM हरीश रावत ने ही फेसबुक पर दी है। पूर्व मुख्यमंत्री ने लिखा है कि "आज जौलीग्रांट हॉस्पिटल में मेरे स्वास्थ्य की जानकारी के लिए एक बड़ी महत्वपूर्ण संस्था भी आई, #CBI के दोस्त आये और उन्होंने मुझे एक नोटिस सर्व किया, तो मुझे बड़ा ताज्जुब हुआ"। तो मैने कहा की जिस दिन अस्पताल में लोग स्वास्थ्य का हालचाल पूछने आ रहे हैं। तो सीबीआई को लगा होगा कि फिर कहीं की मुझसे, देश की अखंडता, एकता, सुरक्षा और लोकतंत्र को ज्यादा खतरा होगा। इसीलिए CBI ने हॉस्पिटल में ही मुझे नोटिस सर्व किया है, वाह CBI !!
वर्ष 2016 में 10 कांग्रेस विधायकों ने हरीश रावत के नेतृत्व वाली सरकार के खिलाफ विद्रोह करने और भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) से हाथ मिलाने के बाद 'स्टिंग ऑपरेशन' सामने आया था। स्टिंग ऑपरेशन मामले में विशेष सीबीआई अदालत ने जुलाई में हरीश रावत तथा तीन अन्य नेताओं, राज्य के पूर्व कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत, द्वाराहाट से कांग्रेस विधायक मदन बिष्ट तथा स्टिंग करने वाले पत्रकार और अब खानपुर से निर्दलीय विधायक उमेश शर्मा को अपनी आवाज के नमूने देने के आदेश दिए थे। इस स्टिंग में सुनाई दे रही आवाजों के मिलान के लिए CBI ने अदालत से नेताओं के आवाज के नमूने लेने की अनुमति मांगी थी। स्टिंग विडिओ में अपनी सरकार बचाने के लिए हरीश रावत असंतुष्ट विधायकों का समर्थन फिर से हासिल कर सत्ता में बने रहने के लिए के लिए कथित तौर पर सौदेबाजी करते नजर आ रहे थे। विडिओ सामने आने के बाद पहले से ही अस्थिर राज्य की राजनीती में भूचाल आ गया था।