पहाड़ की बेटी की जान की कोई कीमत नहीं ? केस ट्रांसफर पर सुनवाई...न्याय देने पर सब चुप
Published:
27 Feb 2024
अंकिता भंडारी हत्याकांड के आरोपी पुलकित आर्य के केस ट्रांसफर अर्जी पर पौड़ी कोर्ट में सुनवाई हुई। कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रखते हुए 1 मार्च को फैसला सुनाने का निर्णय लिया गया है।
आखिर कब तक अंकिता भंडारी का गरीब परिवार अपनी बेटी को इंसाफ दिलाने के लिए भटकता रहेगा। आखिर क्यूं नहीं मिल पा रहा है अंकिता को इंसाफ.... एक गरीब बाप कब तक अपनी बेटी को न्याय दिलाने के लिए यूं दर-दर की ठोकरें खाएगा। अंकिता हत्याकांड मामले में केस ट्रांसफर अर्जी पर पौड़ी कोर्ट में सुनवाई हुई। अदालत ने दोनों पक्षों की बहस सुनने के बाद अपना फैसला सुरक्षित रख लिया है। फैसला सुनाने के लिए अदालत ने 1 मार्च की तिथि नियत की है। सोमवार को सत्र न्यायाधीश पौड़ी की अदालत में मामले की सुनवाई हुई। जिसमें केस ट्रांसफर प्रार्थना पत्र पर अपना पक्ष रखने के लिए पुलकित आर्य जिला कारागार चमोली से पौड़ी पहुंचा। अंकिता की ओर प्रतिनिधि जिला शासकीय अधिवक्ता प्रदीप कुमार भट्ट ने पक्ष रखते हुए बताया कि प्रार्थना पत्र में दिए गए केस ट्रांसफर के तथ्य आधारहीन हैं। अभियोजन पक्ष द्वारा पहले केस ट्रांसफर के लिए दायर की गई याचिका भी अदालत खारिज कर चुकी है।
प्रदीप कुमार भट्ट ने बताया कि सत्र न्यायाधीश पौड़ी अजय चौधरी की अदालत ने दोनों पक्षों की बहस सुनने के बाद फैसला सुरक्षित रखते हुए सुनवाई की तिथि 1 मार्च नियत की है। पुलकित ने अंकिता के पिता पर न्यायालय परिसर में गवाही के लिए आते-जाते समय अभद्र टिप्पणी किए जाने का आरोप लगाया। सुनवाई के दौरान पुलकित आर्य ने कहा कि अपर जिला एवं सत्र न्यायालय कोटद्वार में मुझे निष्पक्ष न्याय मिलने की उम्मीद नहीं है. पुलकित ने बताया कि बीते 20 अप्रैल 2022 को अदालत में खुशराज द्वारा स्वयं को अभिनव कश्यप का भाई बताते हुए गवाही दी। जबकि वास्तव में पुलिस ने एक महिला को पुरुष के वेश में खुशराज बता असली पहचान छिपा गवाही कराई गई थी। इस दौरान अदालत में बचाव पक्ष के अधिवक्ता को बोलने तक का मौका नहीं दिया गया।