रुद्रप्रयाग: बाबा केदार चले कैलाश, आज ओंकारेश्वर मंदिर से गुप्तकाशी पंहुच गई डोली
Published:
06 May 2024
शीतकालीन गद्दीस्थल ओंकारेश्वर मंदिर से आज बाबा केदारनाथ की डोली धाम के लिए रवाना हो गई, जिसमें हजारों की संख्या में बाबा के भक्त शामिल थे।
विश्व विख्यात केदारनाथ धाम की पंचमुखी चल विग्रह उत्सव डोली आज उनके पवित्र धाम केदारनाथ के लिए रवाना हो गई है। 10 मई को सुबह 7 बजकर 15 मिनट पर भगवान केदारनाथ धाम के कपाट श्रद्धालुओं के लिए खोले जाएंगे। पंचकेदार गद्दी स्थल ओंकारेश्वर मंदिर (ऊखीमठ) से भगवान केदारनाथ की डोली ने केदारनाथ धाम के लिए प्रस्थान कर दिया है।
बाबा केदार के भक्तों के लिए आखिरकार वो दिन आ ही गया जिसके लिए वो पिछले छह माह ब्रेसबी से इंतजार कर रहे थे। बाबा केदार की डोली धाम के लिए प्रस्थान कर चुकी हैं इससे पूर्व संध्या पर ओंकारेश्वर मंदिर स्थित भैंरवनाथ मंदिर में भैंरवनाथ की विशेष पूजा अर्चना संपन्न हुई और इस दौरान ओंकारेश्वर मंदिर को आठ कुंतल फूलों से सजाया गया था। सोमवार सुबह पूजा अर्चना के बाद डोली को मंदिर के गर्भ गृह से बाहर सभा मंडप में विराजमान किया गया और भगवान की चल उत्सव विग्रह डोली का श्रृंगार किया गया। इसके बाद मंदिर की तीन परिक्रमा कर डोली अपने अगले गंतव्य की ओर प्रस्थान किया।
केदारनाथ के रावल भीमा शंकर लिंग ने बताया कि ग्याहरवें ज्योर्तिलिंग भगवान केदारनाथ की पंचमुखी चल विग्रह उत्सव डोली शीतकालीन गद्दीस्थल से केदारनाथ के लिए आज रवाना हो गई है इन्होने सोने के मुकुट को बाबा केदार की मूर्ति को पहनाया और केदारनाथ के प्रधान पुजारी शिव शंकर लिंग को छह माह केदारनाथ में पूजा का संकल्प दिया। आज बाबा केदार की पैदल डोली यात्रा अपने पहले रात्रि प्रवास के लिए गुप्तकाशी पहुंचेगी और कल 7 मई को पैदल डोली यात्रा फाटा पहुंचेगी। 8 मई को गौरीकुंड में रात्रि प्रवास करेगी और फिर 9 मई को डोली केदारनाथ पहुंचेगी। 10 मई सुबह 7 बजकर 15 मिनट पर ग्रीष्मकाल के छह माह के लिए भगवान केदारनाथ के कपाट खोल दिए जाएंगे। पैदल डोली यात्रा के साथ बड़ी संख्या में भक्तों और आर्मी का बैंड डोली यात्रा की अगुवाई कर रहा है।