धामी सरकार उत्तराखंड के प्राकृतिक आपदा प्रभावित परिवारों के लिए पुनर्वास नीति-2021 के कुछ मानकों में बदलाव करने जा रही है।
राज्य सरकार की आपदाओं से प्रभावित परिवारों के लिए पुनर्वास को और अधिक सरल व प्रभावी बनाने की योजना है। जिसमें आपदा प्रबंधन विभाग ने मौजूदा पुनर्वास नीति-2021 के तहत सहायता राशि को दोगुना करने का प्रस्ताव तैयार किया है।
हाल ही में आपदा प्रबंधन विभाग के संयुक्त सचिव वीएस यादव ने सभी जिलाधिकारियों को संशोधित प्रस्तावों का ड्राफ्ट भेजा है, जिनमें से कुछ जिलों ने अपने सुझाव भी भेज दिए हैं। सूत्रों के अनुसार मुख्यमंत्री पुष्कर धामी के निर्देश पर विभाग पिछले कई महीनों से इस नीति पर काम कर रहा है। मुख्यमंत्री का कहना है कि आपदा प्रभावितों के पुनर्वास, आवास और रोजगार में सरकार हर संभव मदद करेगी। हालांकि वित्त विभाग ने कुछ आपत्तियां जताई थीं, जिसके चलते जिला स्तर पर नए सुझाव भी मांगे जा रहे हैं।
संशोधित पुनर्वास नीति में विस्थापन भत्ते और स्वरोजगार के लिए आर्थिक सहायता को बढ़ाने का प्रस्ताव है। इस नई सिफारिश के तहत विस्थापन भत्ता 10 हजार रुपये से बढ़ाकर 15 हजार रुपये किया जाएगा। इसके अलावा ग्रामीण दस्तकारों को नए स्थान पर व्यवसाय शुरू करने के लिए दी जाने वाली सहायता राशि 25 हजार रुपये से बढ़ाकर 50 हजार रुपये करने का प्रस्ताव रखा गया है, जिससे वे अपने व्यापार को आसानी से पुनः स्थापित कर सकें।
आपदा प्रभावित परिवारों के लिए निम्न बदलाव हैं प्रस्तावित:-
1. हर जिले में प्रभावित परिवारों के पुनर्वास के लिए राजस्व विभाग, पंचायत, और वन भूमि से लैंड बैंक बनाया जाएगा।
2. बंजर भूमि दिए जाने पर उसके विकास के लिए प्रति हेक्टेयर 15 हजार रुपये की बजाय 25 हजार रुपये सहायता दी जाएगी।
3. आपदा प्रभावित परिवार यदि दूसरे जिले में स्वयं जमीन खरीदकर विस्थापित होना चाहते हैं, तो जिलाधिकारी को जमीन के साक्ष्य प्रस्तुत करने होंगे।
4. खेती और बोझा ढोने वाले पशुओं की गोशाला के लिए 15 हजार रुपये की बजाय 20 हजार रुपये की सहायता दी जाएगी।
5. भवन निर्माण में एसडीआरएफ के मानकों के अतिरिक्त चार लाख की बजाय सात लाख रुपये अतिरिक्त मदद मिलेगी।