यहां हाईटेंशन लाइन को ऊर्जा विभाग द्वारा अंडरग्राउंड किया गया है जिससे यहां के लोगों को अब करंट लगने का खतरा नहीं रहेगा।
उत्तराखंड के निवासियों के लिए एक सुखद खबर सामने आ रही है। सरकार की ओर से पहाड़ी इलाकों में रहने वाले लोगों को एक अनोखी सौगात दी जा रही है। पहाड़ी इलाकों में हाईटेंशन लाइन को अंडरग्राउंड करने के काम पर सरकार की ओर से अब जोर दिया जा रहा है और इसकी शुरुआत भी हो चुकी है। इसकी शुरुआत हुई है श्रीनगर शहर से। अंडरग्राउंड हाई टेंशन लाइन वाला श्रीनगर पहाड़ी क्षेत्र का पहला शहर बन चुका है। बता दें कि श्रीनगर में हाईटेंशन लाइन को अंडरग्राउंड किया गया। ऊर्जा निगम ने तिवाड़ी मोहल्ले के 132 केवी विद्युत सब स्टेशन से बुघाणी रोड तक 5 किलोमीटर लंबी इस लाइन को अंडरग्राउंड किया है। यहां रुद्रप्रयाग-पौड़ी 33 केबी की हाईटेंशन लाइन को अंडरग्राउंड किया गया है। हाईटेंशन लाइन अंडरग्राउंड होने से लोगों को कई फायदे होंगे ही मगर सबसे जरूरी लोगों को करंट लगने से मुक्ति मिलेगी। यह तो सभी को पता होगा कि उत्तराखंड में आए दिन करंट लगने के कारण न जाने कितने हादसे होते रहते हैं। हाईटेंशन लाइन की चपेट में आने से अबतक कई लोगों की मौत हो चुकी है। आगे पढ़िए
इससे पहले हाईटेंशन लाइन लोगों के घर में दीवारों से सट कर जाया करती थी जिससे हमेशा खतरा बना रहता था और प्रदेश के कई हिस्सों में अब भी हाईटेंशन लाइन की चपेट में आने से लोगों की मृत्यु की खबरें आती रहती हैं। ऐसे में हाईटेंशन लाइन को अंडरग्राउंड किया जाना बहुत जरूरी है। पहाड़ी क्षेत्र में श्रीनगर पहला ऐसा शहर बन चुका है जहां हाईटेंशन लाइन को अंडरग्राउंड किया गया है। ऊर्जा निगम ने तिवाड़ी मोहल्ले के 132 केबी विद्युत सब स्टेशन से बुघाणी रोड तक 5 किलोमीटर लंबी इस लाइन को अंडरग्राउंड किया है और अब इस लाइन के किसी भी पुराने हाई टेंशन लाइन में करंट नहीं है। ऊर्जा विभाग को इस काम को पूरा करने में दो करोड़ की लागत लगी। ऊर्जा निगम के अधिशासी अभियंता युद्धवीर सिंह तोमर ने बताया कि इस लाइन से अंडरग्राउंड होने के बाद अब लोगों को करंट लगने का खतरा नहीं होगा और जल्द ही पुरानी हाई टेंशन लाइन को हटा दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि प्रदेश के हिल एरिया में पहली बार किसी शहर की हाई टेंशन लाइन को अंडरग्राउंड किया गया है।