गंगा का रौद्ररूप देखकर ऋषिकेश, हरिद्वार और लक्सर-रुड़की के तटीय इलाकों में रह रहे लोग डरे हुए हैं। लोगों को बाढ़ का डर सताने लगा है।
उत्तराखंड के पर्वतीय इलाकों में लगातार जारी बारिश से नदियां उफान पर हैं। उत्तरकाशी में बीती रात बादल फटने की घटना हुई, जिसमें अब तक 3 लोगों के मारे जाने की सूचना है। हरिद्वार में गंगा नदी उफनाई हुई है। यहां गंगा नदी चेतावनी निशान के पास पहुंच गई है। गंगा चेतावनी निशान 293 मीटर के करीब 292.50 मीटर पर बह रही है। गंगा नदी का जलस्तर बढ़ने से प्रशासन-पुलिस ने बाढ़ चौकियों को अलर्ट कर दिया है। तटीय इलाकों में रहने वाले लोग भी डरे हुए हैं। ऋषिकेश, हरिद्वार और लक्सर-रुड़की में रहने वाले लोगों को बाढ़ का डर सताने लगा है। चंद्रभागा, बंगाली बस्ती, चंद्रेश्वनगर जैसे क्षेत्रों में राज्य आपदा प्रबंधन की टीम और जल पुलिस अलर्ट पर है। ऋषिकेश में चंद्रभागा नदी भी उफान पर है। यही हाल कुमाऊं के क्षेत्रों का भी है। यहां टनकपुर में शारदा नदी का जलस्तर बढ़ गया है।
प्रशासन ने टनकपुर-बनबसा इलाके में बारिश की संभावना को देखते हुए अलर्ट जारी किया है। रामनगर में लगातार जारी बारिश के चलते चोरपानी में दो घरों के बहने की सूचना है। मलबा आने से कई जगह सड़कें बंद हैं। पिथौरागढ़ में 9 सड़कों पर ट्रैफिक बाधित है। चंपावत में स्वाला के पास हाईवे 4 घंटे बंद रहा। बागेश्वर के कपकोट में सरयू नदी का जलस्तर बढ़ा हुआ है, जिससे भराड़ी बाजार को खतरा पैदा हो गया है। नैनीताल में तीन ग्रामीण मार्ग बंद हैं। रामनगर में गौला नदी का जलस्तर बढ़ने से भारी नुकसान हुआ है। आने वाले दिनों में मुश्किल और बढ़ेगी, क्योंकि मौसम विभाग ने 22 जुलाई तक प्रदेश में भारी बारिश होने की संभावना जताई है। इसके चलते भूस्खलन, चट्टान खिसकने, राजमार्ग अवरुद्ध रहने, नदी नालों में अतिप्रवाह व निचले इलाकों में जल भराव हो सकता है। राज्य समीक्षा आप सबसे सतर्क रहने की अपील करता है। यात्रा करते हुए पूरी सावधानी बरतें, खराब मौसम में सुरक्षित स्थानों पर रहें।