रुद्रप्रयाग: घर के आंगन से दो साल की मासूम को उठा ले गया गुलदार, जंगल में मिला क्षत-विक्षत शव
Published:
25 Jul 2021
परिजनों के सामने से दबोच ले गया डेढ़ वर्ष की मासूम बच्ची को, जंगल में मिला अधखाया शव। 1 हफ्ते पहले भी इसी गांव में गुलदार ने किया था एक और हमला। पढ़िए रुद्रप्रयाग से आई यह खबर-
उत्तराखंड में इन दिनों ग्रामीण क्षेत्रों में जंगली जानवरों का दबदबा है। जंगलों से अब जानवर मानव बस्तियों की ओर रुख कर रहे हैं। मानव वन्य जीव संघर्ष के कई मामले उत्तराखंड से सामने आ रहे हैं। अब तक न जाने कितने निर्दोष लोग जंगली जानवरों का निवाला बन चुके हैं मगर उसके बावजूद भी वन विभाग की नींद टूटने का नाम नहीं ले रहे हैं। मानव वन्यजीव संघर्ष की दिल दहला देने वाली घटना उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग से सामने आ रही है जिसको सुनकर आपके भी होश उड़ जाएंगे। रुद्रप्रयाग जिले के सिल्ला-ब्राह्मण गांव में शनिवार रात को गुलदार ने डेढ़ वर्ष की बच्ची को अपना निवाला बना लिया। जी हां, गुलदार बच्ची को आंगन से पकड़ कर उठा कर ले गया और बच्ची को बेरहमी से मौत के घाट उतार दिया। हादसे के बाद से समस्त गांव में हड़कंप मच रखा है। हर कोई दहशत में आ रखा है। लोगों के बीच खौफ पसर गया है और उनके चेहरे पर वन विभाग द्वारा लापरवाही करने का आक्रोश भी साफ झलक रहा है।
हादसा बीती देर रात का बताया जा रहा है। बीती देर रात को सिल्ला ब्राह्मण गांव के निवासी प्रमोद कुमार की मासूम डेढ़ वर्ष की बालिका अपने परिजनों के साथ आंगन में थी तभी अचानक वहां पर गुलदार धमक पड़ा और गुलदार ने बच्चे के परिजनों के सामने ही उसको दबोच लिया और वहां से जंगलों की ओर ले गया। हादसे के बाद वहां हड़कंप मच गया। बच्ची के परिजनों की चीख-पुकार सुनकर आसपास के लोग भी वहां पर एकत्रित हुए और पूरी रात बच्चे की खोजबीन जारी रही। बच्ची का शव देर रात को घर से काफी दूर क्षत-विक्षत हालत में पड़ा हुआ मिला। हादसे के बाद से ही बच्चे के परिजनों के बीच में कोहराम मचा हुआ है और उसके माता-पिता का रो-रो कर बुरा हाल है..गांव वालों के बीच में भी हादसे के बाद से वन विभाग के प्रति आक्रोश साफ झलक रहा है। गांव वालों का कहना है कि बीते शुक्रवार को गुलदार ने इसी क्षेत्र में एक महिला के ऊपर भी हमला किया था। बता दें कि महिला का उपचार सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र अगस्त्यमुनि में किया जा रहा है। इसके बाद गांव वालों ने वन विभाग के सामने गुलदार से निजात पाने की गुहार लगाई थी मगर वन विभाग की लापरवाही का ही नतीजा है कि गांव की डेढ़ वर्ष की मासूम बच्ची गुलदार का निवाला बन गई है। वहीं हादसे के बाद वन विभाग के अधिकारी मौके पर पहुंचे और वन विभाग ने एहतियात क्षेत्र में गश्त के लिए टीम लगा दी है।