वंदना अब उत्तराखंड में 'बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ अभियान' को आगे बढ़ाती नजर आएंगी। उन्हें अभियान के लिए उत्तराखंड की ब्रांड एंबेसडर बनाया गया है।
हरिद्वार के छोटे से गांव से निकल कर टोक्यो ओलंपिक का सफर तय करने वाली हॉकी खिलाड़ी वंदना कटारिया पर पूरा देश प्यार लुटा रहा है। वंदना ने ओलंपिक में गोल की हैट्रिक लगाकर इतिहास रच दिया। राज्य सरकार ने उन्हें 25 लाख की धनराशि पुरस्कार स्वरूप देने की घोषणा की है। इसके साथ ही वंदना अब उत्तराखंड में 'बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ अभियान' को आगे बढ़ाती नजर आएंगी। उन्हें अभियान के लिए उत्तराखंड की ब्रांड एंबेसडर बनाया गया है। रविवार को खेल मंत्री डॉ. अरविंद पांडे ने वंदना कटारिया के घर पहुंच कर यह घोषणा की। खेल मंत्री अरविंद पांडे ने हरिद्वार स्थित वंदना कटारिया के घर पहुंचकर उनकी माता और भाई को शॉल ओढ़ाकर सम्मानित किया। इस मौके पर खेल मंत्री ने कहा कि उत्तराखंड सरकार की ओर से वंदना का जोरदार स्वागत किया जाएगा। उन्होंने अपनी खेल प्रतिभा के दम पर समूचे विश्व में भारत का डंका बजाया है। हर प्रदेशवासी को वंदना पर गर्व है। वंदना जिस इलाके में रहती है, उसके दिन भी जल्द बहुरेंगे।
खेलमंत्री ने कहा कि वंदना के घर तक पहुंचने वाले संपर्क मार्ग की जल्द से जल्द मरम्मत कराई जाएगी। इस मौके पर विधायक आदेश चौहान और अपर जिलाधिकारी केके मिश्रा समेत तमाम अधिकारी मौजूद थे। स्टार हॉकी प्लेयर वंदना कटारिया भारत लौटने पर राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री से भी मुलाकात करेंगी। वंदना कटारिया हरिद्वार जिले के छोटे से क्षेत्र रोशनाबाद की रहने वाली हैं। उन्होंने ओलंपिक में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ खेले गए मुकाबले में एक के बाद एक 3 गोल लगाकर टीम को जीत दिलाई। इसी के साथ वो ओलंपिक में हैट्रिक लगाने वाली भारत की पहली खिलाड़ी बन गई हैं। टोक्यो ओलंपिक में खेलने के लिए जब वंदना कटारिया हॉकी के मैदान में उतरीं तो दिल में पिता के निधन का गम था। इसके बाद भी उन्होंने हौसला बनाए रखा और अपनी स्टिक से हैट्रिक गोल मारकर इतिहास में नाम दर्ज करा दिया। राज्य सरकार ने उन्हें पुरस्कार राशि देने की घोषणा की है, साथ ही उन्हें तीलू रौतेली पुरस्कार से भी नवाजा जाएगा।