हल्द्वानी में लाल कुआं से रामनगर जा रही ट्रेन की चपेट में आने से एक हाथी और उसके बच्चे की दर्दनाक मौत
नैनीताल के लालकुआं से एक बेहद बुरी खबर सामने आ रही है। ट्रेन की चपेट में आने से उत्तराखंड में कई हाथी अपनी जान गंवा चुके हैं उसके बावजूद भी प्रशासन की लापरवाही कम नहीं हो रही है। हालिया घटना नैनीताल से सामने आई है जहां लालकुआं से रामनगर जा रही ट्रेन की चपेट में आने से हाथी और उसके मासूम बच्चे की दर्दनाक मौत हो गई। हादसे के दौरान हाथियों का झुंड रेलवे ट्रैक पार कर रहा था कि तभी ट्रेन आई और झुंड में से हाथी और उसका शिशु आगरा फोर्ट ट्रेन की चपेट में आ गए। इस घटना के बाद से ही गुस्से में अन्य हाथी रेलवे ट्रैक पर ही खड़े हो गए। वन कर्मियों द्वारा खदेड़े जाने पर भी वे वहां से नहीं गए। भारी मशक्कत के बाद वन कर्मियों ने रेलवे ट्रैक पर खड़े हाथियों के झुंड को किसी तरह जंगल की ओर खदेड़ा। वहीं वन विभाग मृतक हाथी और उसके बच्चे का पोस्टमार्टम करवाने की कार्यवाही कर रहा है।
घटना तराई वन प्रभाग के पीपल पड़ाव रेंज की बताई जा रही है। ट्रेन लालकुआं से रामनगर के लिए रवाना हुई थी और सिडकुल स्टेशन से आगे तराई केंद्रीय वन प्रभाग के पीपल पड़ाव रेंज में दो हाथी ट्रेन की चपेट में आ गए। हादसे के दौरान हाथियों का झुंड रेलवे ट्रैक पार कर रहा था कि तभी हाथी और उसका बच्चा ट्रेन की चपेट में आ गए। दोनों हाथियों की मौत के बाद अन्य हाथी रेलवे ट्रैक पर ही खड़े हो गए। वहीं लोको पायलट ने सूझबूझ का परिचय देते हुए ट्रेन को बैक स्टेशन की ओर ले लिया। घटना की जानकारी मिलते ही वन विभाग और रेल प्रशासन के अधिकारी मौके पर पहुंचे। बताया जा रहा है कि घटना के बाद से अन्य हाथी उग्र हो गए और काफी समय तक रेलवे ट्रैक पर ही खड़े रहे। घना जंगल होने के चलते रेलवे प्रशासन और वन विभाग को रेलवे ट्रैक पर खड़े हाथियों को हटाने में काफी मशक्कत करनी पड़ी। भारी मशक्कत के बाद वन विभाग की टीम द्वारा हाथियों के झुंड को जंगल की ओर खदेड़ दिया गया है।