पहाड़ के योगी से गुरू ने मांगी गुरुदक्षिणा, बिना वक्त गंवाए गांव तक बनवा दी सड़क
गुरु और शिष्य की परंपरा सदियों से हमारे देश में चली आ रही है। खासतौर पर उत्तराखंड में गुरु और शिष्य का अटूट रिश्ता मान और सम्मान का प्रतीक बन चुका है। आज हम आपको उत्तराखंड के एक ऐसे शिष्य के बारे में बताने जा रहे हैं, जो उत्तर प्रदेश जैसे सबसे बड़े राजनैतिक राज्य का मुखिया है। नाम है योगी आदित्यनाथ। पौड़ी के पंचूर गांव के योगी आदित्यनाथ ने अपनी शुरुआती शिक्षा-दीक्षा उत्तराखंड से ही हासिल की थी। जब योगी आदित्यनाथ यानी अजय सिंह बिष्ट कॉलेज में पढ़ रहे थे, तो वहां उनके गणित के शिक्षक हुआ करते थे नागेंद्र नाथ बाजपेयी। इतना लंबा वक्त बीत गया और जब योगी आदित्यनाथ उत्तर प्रदेश के सीएम बने तो गुरू नागेंद्र नाथ वाजपेयी ने गुरु दक्षिणा के रूप में एक चीज मांगी। योगी आदित्यनाथ ने भी इसे अपना धर्म समझा और बिना वक्त गंवाए काम में लग गए।
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दरअसल योगी के शिक्षक नागेंद्र नाथ वाजपेयी ने उनसे अपने गांव की सड़क बनवाने का आग्रह किया था। शिष्य योगी ने अपने गुरु की मांग पर तुरंत अमल किया और आदेश दे दिया। नागेंद्र नाथ वाजपेयी उत्तर प्रदेश के महाराजपुर के खोजाओपुर गांव के रहने वाले हैं। ‘टाइम्स ऑफ इंडिया’ के मुताबिक, कुछ दिनों पहले सीएम योगी कानपुर की यात्रा पर गए। वहां नागेंद्र नाथ वाजपेयी ने उनसे मुलाकात की। उन्होंने तुरंत ही सालेमपुर से खोजाओपुर गांव तक जाने वाली सड़क को बनाने की बात कही। इस सड़क की हालत बेहद खराब हो गई थी। योगी ने अपने गुरु की बात नहीं टाली औ तुरंत ही इस पर अमल करने का आदेश दिया। आपको जानकर खुशी होगी कि सड़क बनाने का काम 10 जुलाई से शुरू भी हो गया। गुरू नागेंद्र नाथ बाजपेयी ने सीएम योगी के इस काम को ‘गुरुदक्षिणा’ बताया।
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