लेफ्टिनेंट कर्नल मनोज जोशी ने 5 दिन में 17 पर्वतों का गुरूर तोड़कर अपने मजबूत हौसले का लोहा मनवाया। वो वर्तमान में नार्थ-ईस्ट में तैनात हैं।
पहाड़ के लाल ‘पहाड़ों’ पर जीत हासिल करने का हुनर खूब जानते हैं। हल्द्वानी के रहने वाले लेफ्टिनेंट कर्नल मनोज जोशी ऐसे ही जांबाजों में से एक हैं, जिन्होंने पर्वतों का गुरूर तोड़कर अपने मजबूत हौसले का लोहा मनवाया है। इस फौजी अफसर ने सिर्फ पांच दिन में 17 पर्वत श्रृंख्लाओं पर फतह हासिल की, जो कि खुद में बड़ा रिकॉर्ड है। उम्मीद है उनका ये रिकॉर्ड जल्द ही लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड्स, गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड और एशिया बुक ऑफ रिकॉर्ड में जगह बना लेगा। लेफ्टिनेंट कर्नल मनोज जोशी ने कहा कि ऐसा अब तक शायद ही किसी ने किया होगा, यही वजह है कि उन्होंने वर्ल्ड रिकॉर्ड के लिए दावा ठोका है। लेफ्टिनेंट कर्नल मनोज जोशी मूल रूप से अल्मोड़ा जिले के डुंगरा (भनोली) के रहने वाले हैं। वर्तमान में भारतीय सेना की कुमाऊं रेजिमेंट में बतौर लेफ्टिनेंट कर्नल सेवाएं दे रहे हैं। उन्होंने पर्वतारोहण की शुरुआत 1998 में की।
इस बीच उन्होंने माउंट मकालू और एवरेस्ट जैसे कई बड़े पर्वतों पर चढ़ाई की। मनोज बताते हैं कि विश्व में 14 पर्वत ऐसे हैं जिनकी ऊंचाई समुद्र तल से 8000 मीटर या इससे अधिक है। देश-विदेश में ऐसे कई अनुभवी पर्वतारोही हैं, जिन्होंने समय-समय पर इन पर्वतों पर जीत हासिल की। ऐसे में उन्हें कम समय में कई पर्वत श्रृंखलाओं पर चढ़ने का ख्याल आया। बस फिर क्या था उन्होंने अपनी टीम बनाई और 24 अगस्त को लेह लद्दाख के कारजोक (मैंटोक रिज) की 12 पर्वत श्रृंखलाओं पर चढ़ने का अभियान शुरू कर दिया। 24 घंटे में उन्होंने दक्षिण से उत्तर की तरफ स्थित सभी 12 पर्वत श्रृंखलाओं में चढ़ाई की। 27 अगस्त को उन्होंने पोलोगोंका रिज की 5 चोटियों को फतह करने का अभियान शुरू किया, और महज 12 घंटे में 6000 मीटर से ज्यादा ऊंचाई वाली सभी चोटियों पर तिरंगा लहरा दिया। लेफ्टिनेंट कर्नल मनोज जोशी के परिवार में पत्नी राजश्री, मां रेवती जोशी और दो जुड़वा बेटियां हैं। सभी उनकी सफलता से बेहद उत्साहित हैं। लेफ्टिनेंट कर्नल मनोज जोशी वर्तमान में नार्थ-ईस्ट में तैनात हैं।