हाल ही में उत्तर प्रदेश प्रशासन द्वारा वीर चन्द्र सिंह गढ़वाली को अतिक्रमणकारी घोषित किया गया था। अब योगी ने ऐसे अफसरों पर कार्रवाई का भरोसा दिलाया है।
हाल ही में वीर चन्द्र सिंह गढ़वाली को उत्तर प्रदेश प्रशासन के कुछ अफसरों ने अतिक्रमणकारी घोषित कर दिया था। इसके बाद राज्य समीक्षा ने भी इस खबर को प्रमुखता से छापा था। आलम ये था कि वीर चन्द्र सिंह गढ़वाली की दो विधवा बहुएं और बच्चे बेघर होने के कगार पर पहुंच गए थे। लेकिन अब उत्तर प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ ने भरोसा दिलाया है कि ऐसे अफसरों पर कार्रवाई होगी। दरअसल उत्तराखंड के सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत ने उत्तर प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ से इस मुद्दे को लेकर बातचीत की। योगी आदित्यनाथ ने भरोसा दिलाया कि वीर चन्द्र सिंह गढ़वाली के परिजनों को ऐसा नोटिस देने वालों के खिलाफ कार्रवाई होगी। हाल ही में वन मंत्री हरक सिंह रावत ने भी सीएम योगी को इस बारे में पत्र भेजा था। अब आपको ये भी बताते हैं कि आखिर ये पूरा मामला क्या है।
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दरअसल, आज़ादी के आंदोलन में वीर चन्द्र सिंह गढ़वाली की अहम भूमिका को देखते हुए 21 जनवरी 1975 को उत्तरप्रदेश के तत्कालीन मुख्यमंत्री हेमवती नंदन बहुगुणा ने एक बड़ा ऐलान किया था। गढ़वाली को कोटद्वार-भाबर के ग्राम हल्दूखाता से लगे वन क्षेत्र में करीब 10 एकड़ भूमि 90 साल के लिए लीज़ पर दी गई थी। हालांकि इसमें शर्त रखी गई थी कि हर 30 साल में इस ज़मीन की लीज का रिन्यूवल कराना होगा। इसके ठीक चार साल बाद यानी 1979 को वीर चन्द्र सिंह गढ़वाली का निधन हो गया। उनके पुत्र आनंद सिंह और खुशाल सिंह इसके बाद उस ज़मीन की लीज का ट्रांसफर अपने नाम कराने के लिए उत्तरप्रदेश वन विभाग के चक्कर काटते रहे। फायदा कुछ भी नहीं मिला। इसी उधेड़बुन में आनंद सिंह और खुशाल सिंह भी दुनिया से रुखसत हो गए। इसके बाद 9 नवंबर 2000 को उत्तराखंड राज्य अस्तित्व में आया, तो ये जमीन उत्तर प्रदेश के कब्जे में चली गई।
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फिलहाल आनंद सिंह की पत्नी कपोत्री देवी और खुशाल सिंह की पत्नी विमला देवी अपने परिवार के साथ इस जमीन पर रह रहे हैं। सरकारी कागजातों में ये ज़मीन आज भी वीर चंद्र सिंह गढ़वाली के नाम दर्ज है। लेकिन इस वीर सपूत को बिजनौर वन प्रभाग ने अतिक्रमणकारी घोषित कर दिया है। 30 अगस्त को ही वीर चन्द्र सिंह गढ़वाली की दोनों बहुओं को इस बारे में नोटिस जारी किया गया । नोटिस में ये बात भी बताई गई है कि साल 1989 से 2004 तक लीज रेट का भुगतान सुनिश्चित करें। इसके साथ ही लिखा गया है कि 2005 के बाद पहले 30 सालों के लिए लीज़ में 50 फीसदी बढ़ोतरी की गई है। कपोत्री देवी का कहना है कि उनकी परिवार की स्थिति ऐसी नहीं है कि इतनी भारी-भरकम राशि चुका पाएं। अब उत्तर प्रदेश के मुखिया तक ये बात पहुंची तो उन्होंने उचित कार्रवाई का भरोसा दिलाया है।
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री MYogiAdityanath जी से शिष्टाचार मुलाकात की।इस दौरान वीर चन्द्र सिंह गढ़वाली के परिजनों...
Posted by Trivendra Singh Rawat on Monday, September 24, 2018
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वीर चंद्र सिंह गढ़वाली का अपमान करने वाले नहीं बचेंगे! योगी आदित्यनाथ ने दिया भरोसा