पानी समितियों से संवाद के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पहाड़ की महिलाओं के प्रयास को सराहा। जल संरक्षण के क्षेत्र में हो रहे कार्यों की सराहना की।
भीषण गर्मी के दौरान पानी की कमी से जूझने वाले उत्तराखंड में जल संरक्षण के लिए अनूठे प्रयोग किए जा रहे हैं। पहाड़ की महिलाएं जल स्त्रोतों को बचाने और उनके संरक्षण में अहम योगदान दे रही हैं। इन जीवट महिलाओं की कर्म गाथा पूरे देश में मिसाल के तौर पर सुनने को मिलती है। 2 अक्टूबर को पानी समितियों से संवाद के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी इन महिलाओं के प्रयास को सराहा। जल संरक्षण के क्षेत्र में हो रहे कार्यों की सराहना की। संवाद कार्यक्रम के दौरान प्रधानमंत्री ने उत्तराखंड के क्यारकुली गांव की कौशल्या देवी और उनके समूह के साथ बातचीत की। इस मौके पर प्रधानमंत्री ने पहाड़ की महिलाओं से जल संरक्षण और वैक्सीनेशन अभियान की प्रगति के बारे में जाना। महिलाओं ने बताया कि उनके गांव में 18 साल से ऊपर के सभी लोगों को कोरोना वैक्सीन की दोनों डोज लग चुकी हैं। इसके लिए गांव में 10 कैंप लगाए गए थे।
प्रधानमंत्री ने अभियान की सफलता को सराहा। साथ ही कहा कि युवा मुख्यमंत्री के नेतृत्व में प्रदेश में सभी योजनाएं तेजी से आगे बढ़ रही हैं। उन्होंने कहा कि योजनाएं तभी सफल होती हैं, जब जन भागीदारी होती है। चाहे कोरोना टीकाकरण हो या फिर जल-जीवन मिशन। उन्होंने महिलाओं को संबोधित करते हुए कहा कि आपने पानी की ताकत को समझा है। पेड़ भी लगाए। होम स्टे भी किया। पानी के जरिए गांव में क्रांति ले आए। इसके लिए आपको बधाई देता हूं। आपके गांव ने पलायन को भी पीछे छोड़ दिया है। एक वक्त था जब गांव में लोग ठहरते नहीं थे, यहां से चले जाते थे, अब वे लोग वापस आने लगे हैं। आज पर्यटक भी गांव आने के लिए प्रेरित हो रहा है। इस तरह पानी सिर्फ जीवन ही नहीं देश की अर्थव्यवस्था को भी बदलने की ताकत रखता है। चलिए आपको कार्यक्रम का वीडियो दिखाते हैं, इसे देख आपको भी गर्व महसूस होगा।