हाल ही में उत्तराखंड के सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत ने एक फैसला लिया था। लग रहा है कि यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ भी उसी राह पर हैं।
हाल ही में उत्तराखंड में सरकारी कर्मचारी हड़ताल पर गए थे तो सूबे की त्रिवेंद्र सरकार ने एक सख्त फैसला लिया था। उत्तराखंड अब हड़ताली प्रदेश ना बने, इसके लिए ऐलान किया गया कि जो भी सरकारी कर्मचारी हड़ताल पर जाएगा उसके लिए ‘नो वर्क नो पे’ का फॉर्मूला लागू होगा। यानी जिस दिन हड़ताल होगी, उस दिन का वेतन नहीं मिलेगा। अब इसी तर्ज पर उत्तर प्रदेश की योगी सरकार दो कदम आगे बढ़ी है। दरअसल यूपी के 20 लाख से ज्यादा कर्मचारी वर्तमान पेंशन योजना के रोलबैक की मांग को लेकर सात दिनों की हड़ताल पर जाने वाले थे। शिक्षकों, इंजीनियरों, तहसीलदारों और परिवहन विभाग के सदस्यों के हड़ताल में भाग लेने की उम्मीद थी। इससे पहले ही सीएम योगी आदित्यनाथ ने हाहाकारी ऐलान कर दिया। योगी सरकार ने राज्य में आवश्यक सेवा अनुरक्षण अधिनियम यानी ESMA लागू कर दिया।
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इसके साथ ही सभी विभागों और निगमों में हड़ताल पर अगले 6 महीने तक के लिए पाबंदी लगा दी है। आपको बता दें कि एस्मा के तहत डाक सेवाओं, हवाई अड्डों, रेलवे समेत आवश्यक सेवाओं से जुड़े कर्मचारी शामिल किए जाते हैं। एस्मा लागू होने के दौरान होने वाली हड़ताल को अवैध माना जाता है। इसके उल्लंघन का दोषी पाए जाने पर एक साल तक की सजा का प्रावधान है। दरअसल उत्तर प्रदेश में बोर्ड परीक्षाएं भी शुरू हो गई हैं और ऐसे में हड़ताल की वजह से परीक्षाओं पर भी असर पड़ सकता है। ऐसे में योगी सरकार के इस फैसले से हड़ताल करने वालों के चेहरे की हवाईयां उड़ गईं। ऐसा ही कुछ दिन पहले उत्तराखंड में हुआ था। सरकारी कर्मचारी हड़ताल पर गए तो त्रिवेंद्र ने सख्त फैसला ले लिया। साफ कह दिया गया कि ‘नो वर्क-नो पे’...यानी हड़ताल पर गए तो कोई वेतन नहीं। कुल मिलाकर कह सकते हैं कि देश के दो राज्यों में अब ‘NO हड़ताल’।
Src: त्रिवेंद्र की राह पर चले योगी आदित्यनाथ, अब यूपी में हड़ताल हुई तो लगेगा ‘एस्मा’