सीएम पुष्कर सिंह धामी ने आज चारधाम देवस्थानम बोर्ड पर त्रिवेंद्र सरकार का फैसला पलट दिया।
इस समय की सबसे बड़ी खबर उत्तराखंड से सामने आ रही है CM धामी ने बड़ा फैसला लेते हुए देवस्थानम बोर्ड को भंग करने का एलान किया। दो साल पहले त्रिवेंद्र सरकार के समय चारधाम देवस्थानम प्रबंधन बोर्ड अस्तित्व में आया था। तीर्थ पुरोहितों, हकहकूकधारियों के विरोध और कांग्रेस और आम आदमी पार्टी के बोर्ड को मुद्दा बनाने से सरकार पर दबाव था। सरकार का तर्क था कि बदरीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री, यमुनोत्री धाम समेत 51 मंदिर बोर्ड के अधीन आने से यात्री सुविधाओं के लिए अवस्थापना विकास होगा। प्रदेश में नेतृत्व परिवर्तन के बाद मुख्यमंत्री बने तीरथ सिंह रावत ने भी जनभावनाओं के अनुरूप देवस्थानम बोर्ड निर्णय लेने की बात कही थी, लेकिन उनके कार्यकाल में देवस्थानम बोर्ड पर सरकार आगे नहीं बढ़ पाई। फिर नेतृत्व परिवर्तन के बाद मुख्यमंत्री बने पुष्कर सिंह धामी ने तीर्थ पुरोहितों के विरोध को देखते हुए उच्च स्तरीय कमेटी बनाने की घोषणा की।
बीते रोज समिति ने अपनी अंतिम रिपोर्ट मुख्यमंत्री को सौंपी। मुख्यमंत्री ने समिति की रिपोर्ट का अध्ययन करने के लिए धर्मस्व मंत्री सतपाल महाराज की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय मंत्रिमंडलीय उपसमिति गठित की। समिति के अन्य सदस्यों में कैबिनेट मंत्री सुबोध उनियाल व स्वामी यतीश्वरानंद शामिल किए गए। उपसमिति को दो दिन के भीतर संस्तुति सहित परीक्षण रिपोर्ट देने को कहा गया था। सोमवार को उपसमिति की फिर बैठक हुई, जिसमें उच्च स्तरीय समिति की अध्ययन रिपोर्ट के सभी बिंदुओं पर गहन चर्चा की गई। इसके बाद शाम को कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज ने मुख्यमंत्री को उपसमिति की परीक्षण रिपोर्ट सौंप दी। बता दें कि सरकार ने पूर्व में चारधाम के तीर्थ पुरोहितों को भरोसा दिलाया था कि 30 नवंबर तक देवस्थानम प्रबंधन बोर्ड के संबंध में निर्णय ले लिया जाएगा। और अब उत्तराखंड चारधाम देवस्थानम प्रबंधन बोर्ड को लेकर तीर्थपुरोहितों की लंबे समय से चली आ रही मांग पूरी हो गई है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने देवस्थानम बोर्ड को भंग करने की घोषणा कर दी है। देवस्थानम बोर्ड पर गठित उच्च स्तरीय समिति एवं मंत्रिमंडलीय उप समिति की रिपोर्ट के बाद सरकार ने ये निर्णय।