मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने डीआईजी कुमांयू डॉ. नीलेश आनन्द भरणे को निर्देश दिये कि चम्पावत जनपद के राजकीय इण्टर कॉलेज सूखीढ़ांग में भोजन माता प्रकरण की जाँच करवाकर दोषियों के खिलाफ सख्त कारवाई की जाय।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने डीआईजी कुमांयू डॉ. नीलेश आनन्द भरणे को निर्देश दिये कि चम्पावत जनपद के राजकीय इण्टर कॉलेज सूखीढ़ांग में भोजन माता प्रकरण की जाँच करवाकर दोषियों के खिलाफ सख्त कारवाई की जाय। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस मामले में दुष्प्रचार करने वालों पर भी निगरानी रखी जाय। डीआईजी कुमांयू द्वारा मौके पर जाकर पूरे मामले की जांच की जायेगी। आपको बता दें की मामले की जांच में आए एडी बेसिक अजय नौटियाल, मुख्य शिक्षा अधिकारी आरसी पुरोहित और बीईओ अंशुल बिष्ट ने जांच कर भोजनमाता की नियुक्ति को अवैधानिक करार देते हुए रद्द कर दिया है। अब जल्द विज्ञप्ति जारी कर नए सिरे से भोजनमाता की नियुक्ति होगी। भोजनमाता की नियुक्ति प्रक्रिया में पहले सामान्य जाति की महिला और फिर अनुसूचित जाति की महिला को भोजन माता नियुक्त किए जाने से खासा विवाद पैदा हो गया था। स्कूल मैनेजमेंट कमेटी (एसएमसी) और पीटीए की ओर से पहले परित्यक्ता महिला पुष्पा भट्ट को भोजनमाता नियुक्त किया गया था। इससे पहले कि पुष्पा कार्यभार संभालतीं, विद्यालय प्रशासन ने कथित तौर पर गुपचुप तरीके से अनुसूचित जाति की महिला सुनीता देवी को भोजनमाता नियुक्त कर उसे कार्यभार भी सौंप दिया। इसका पता चला तो पीटीए अध्यक्ष नरेंद्र जोशी व अभिभावक नियुक्ति के विरोध में खड़े हो गए। वहीं एससी महिला को भोजनमाता बनाए जाने से सवर्ण जाति के बच्चों ने स्कूल में उसके हाथ का बनाया भोजन खाना बंद कर दिया। मामला उजागर हुआ तो प्रशासन और शिक्षा विभाग हरकत में आया।