सीएम योगी आदित्यनाथ ने पत्र में लिखा कि वो लॉकडाउन के बाद गांव आएंगे। साथी ही उन्होंने लोगों से एक अपील भी की है।
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ अपने पिता के अंतिम संस्कार में शामिल नहीं हो पाएंगे। लेकिन उन्होंने ये जरूर लिखा कि वो लॉकडाउन के बद पिता के दर्शनार्थ आएंगे। उन्होंने इस संबंध में एक पत्र लिखा। जिसमें उन्होंने अपने पिता के अंतिम संस्कार में ना आ पाने की वजह बताई। पत्र में योगी आदित्यनाथ ने ये भी लिखा कि पिता के अंतिम क्षणों में वो उनके दर्शन करना चाहते थे। लेकिन कर्तव्यबोध के चलते वो ऐसा नहीं कर पाए। उन्होंने कहा कि वो लॉकडाउन खत्म होने के बाद अपने गांव आएंगे। योगी आदित्यनाथ ने पिता को विनम्र श्रद्धांजलि दी। साथ ही सीएम योगी ने लोगों से खास अपील की है। उन्होंने परिजनों से लॉकडाउन का पालन करते हुए कम से कम लोगों को अंतिम संस्कार में बुलाने की अपील की।योगी आदित्यनाथ आज भले ही यूपी के सीएम हैं, लेकिन देवभूमि से उनका गहरा नाता है। आगे पढ़िए
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योगी आदित्यनाथ का जन्म 5 जून 1972 को पौड़ी के यमकेश्वर में स्थित पंचूर गांव में हुआ था। उन्होंने 1989 को ऋषिकेश के भरत मंदिर इंटर कॉलेज से 12वीं पास की और 1992 में हेमवती नंदन बहुगुणा गढ़वाल विश्वविद्यालय से गणित में बीएससी की। इसी कॉलेज से उन्होंने एमएससी भी की। 1992 में योगी गोरखपुर आए और महंत अवैधनाथ से दीक्षा ली और 1994 में संन्यासी बन गए। योगी आदित्यनाथ गोरखपुर लोकसभा सीट से लगातार 5 बार सांसद चुने गए हैं। इस वक्त वो सीएम के तौर पर यूपी की कमान संभाल रहे हैं। सोमवार को उनके पिता आनंद सिंह बिष्ट का दिल्ली स्थित एम्स हॉस्पिटल में निधन हो गया। उनका अंतिम संस्कार मंगलवार को उत्तराखंड स्थित पैतृक गांव में होगा, लेकिन योगी आदित्यनाथ अंतिम संस्कार में शामिल नहीं हो सकेंगे। वो लॉकडाउन खत्म होने के बाद अपने गांव आएंगे।
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