‘The Kashmir Files' लगातार चर्चा में है, इस फिल्म को लेकर दो अलग-अलग धड़े बन चुके हैं. सियासी बवाल भी जारी है,
भाजपा के सहयोग से चल रही सरकार ने कश्मीरी पंडितों को रोकने का प्रयास नहीं किया था, बल्कि उन्हें जाने को कहा, लेकिन इस बवाल के बीच छत्तीसगढ़ में कांग्रेस के सीएम भूपेश बघेल भी फिल्म देखने पहुंच गए. वो थिएटर में कश्मीर फाइल्स देखते नजर आए. लेकिन बाहर निकलते ही बघेल ने फिल्म को आधा सच बता दिया. वहीं बीजेपी नेताओं की तरफ से भी इसे लेकर जवाब दिया गया. पक्ष इस फिल्म के समर्थन में खड़ा है तो विपक्ष फिल्म को लेकर लगातार सवाल उठा रहा है.
सीएम भूपेश बघेल ने फिल्म देखने के बाद कहा कि, फिल्म में दिखाया गया है कि भाजपा के सहयोग से चल रही सरकार ने कश्मीरी पंडितों को रोकने का प्रयास नहीं किया था, बल्कि उन्हें जाने को कहा. वहां सेना नहीं भेजी गई. पूर्व प्रधानमंत्री स्व. राजीव गांधी ने जब लोकसभा का घेराव किया, तब सेना भेजी गई. फिल्म अधूरा सच है. बीजेपी इससे 2024 की तैयारी कर रही है. भूपेश बघेल ने फिल्म पर सवाल उठाए तो जवाब पड़ोसी राज्य से ही मिल गया. खंडवा से बीजेपी सांसद ज्ञानेश्वर पाटिल ने कहा जिन्हें फिल्म पसंद नहीं, वो कहीं और चले जाएं.
कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने भी फिल्म को लेकर मोदी सरकार को कठघरे में खड़ा किया. सुरजेवाला ने कहा कि, फिल्म देख-दिखाकर नफरत की खेती से जिंदगियां नही चलेंगी. सरकार बताए कि कश्मीरी पंडितों का पुनर्वास कब करेंगे? देश फिल्म से नहीं बल्कि सरकार के कामों से चलेगा. कांग्रेस के अलावा सपा की तरफ से भी फिल्म को लेकर बयान सामने आया. एसपी के मुखिया अखिलेश यादव ने तो फिल्म के बारे में सवाल पूछने पर अलग ही सवाल दाग दिया. अखिलेश ने कहा कि, लखीमपुर फाइल्स भी बननी चाहिए. लखीमपुर खीरी में किसानों को गाड़ियों से रौंदा गया तो इस पर फिल्म क्यों नहीं बनी?
उधर महाराष्ट्र में भी फिल्म को लेकर राजनीति गरम है. महाराष्ट्र में बीजपी ने शिवसेना की अगुवाई वाली सरकार को निशाने पर लिया है. फिल्म को टैक्स फ्री नहीं करने को बीजेपी हिंदुओं का अपमान बता रही है. बीजेपी विधायक राम कदम ने कहा कि, क्या यह सच है कि महाराष्ट्र सरकार कश्मीर फाइल्स को टैक्स फ्री नहीं करेगी? चुनाव के वक्त इनके नेता मंदिरों में जाने का ढोंग करते हैं, अब जिस फिल्म में कश्मीरी पंडितों का इतिहास बताया है, क्या इतिहास को वे नकारेंगे. अगर स्वर्गीय बाला साहब ठाकरे जीवित होते तो क्या ऐसा फैसला होने देते. महाराष्ट्र सरकार ने यदि फिल्म को टैक्स फ्री नहीं किया तो हिंदू समाज सड़क पर उतरकर तांडव करेगा.
कुल मिलाकर इस फिल्म को लेकर सियासी घमासान लगातार तेज होता दिख रहा है. राजनीतिक दल अपने-अपने तरीके से इसका फायदा और नुकसान देख रहे हैं. बीजेपी शासित राज्यों में फिल्म को टैक्स फ्री कर दिया गया है. वहीं दूसरे राज्यों पर दबाव बनाने की कोशिश की जा रही है कि वो भी फिल्म को टैक्स फ्री करें.