उत्तराखंड में आज नई सरकार की पहली कैबिनेट बैठक हुई है. ये बैठक सचिवालय में सीएम धामी की अध्यक्षता में हुई.
उत्तराखंड में आज नई सरकार की पहली कैबिनेट बैठक हुई है. ये बैठक सचिवालय में सीएम धामी की अध्यक्षता में हुई. इस बैठक में कई अहम फैसलों पर मुहर लगी है. कैबिनेट में यूनिफॉर्म सिविल कोड पर समिति बनाने के लिए फैसला, जो प्रदेश में यूनिफॉर्म सिविल कोड लेकर ड्राफ्ट तैयार करेगी. सीएम ने कहा आज नई सरकार का गठन होने के बाद मंत्रिमंडल की पहली बैठक हुई. 12 फरवरी 2022 को हमने जनता के समक्ष संकल्प लिया था कि हमारी सरकार का गठन होने पर हम यूनिफॉर्म सिविल कोड लेकर आएंगे. आज हमने तय किया है कि हम इसे जल्द ही लागू करेंगे.
सुप्रीम कोर्ट या हाई कोर्ट के रिटायर जज की अध्यक्षता में समिति बनाने पर कैबिनेट की मुहर, भारतीय जनता पार्टी संगठन ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को सरकार का दृष्टि पत्र सौंपा. प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक तथा प्रदेश महामन्त्री संगठन अजेय कुमार ने सीएम को दृष्टि पत्र सौंपा. अब अगले 5 साल तक चुनावों में किए वादों को पूरा करने का आग्रह किया गया है. प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक ने कहा कि जनता ने भाजपा और भाजपा के दृष्टि पत्र पर भरोसा किया है और सरकार उस पर पूरी तरह से खरी उतरेगी. हम एक उच्च स्तरीय कमेटी बनाएंगे और वो कमेटी इस कानून का एक ड्राफ्ट तैयार करेगी और हमारी सरकार उसे लागू करेगी. आज मंत्रिमंडल में सर्वसम्मति से प्रस्ताव पारित कर दिया है. अन्य राज्यों से भी हम अपेक्षा करेंगे कि वहां पर भी इसे लागू किया जाए.
सरकार के सबसे पहले और बड़े फैसले
उत्तराखण्ड सरकार की पहली कैबिनेट बैठक में निर्णय लिया गया कि राज्य में समान नागरिक संहिता के क्रियान्वयन के लिए विशेषज्ञों की समिति बनाई जाएगी. कैबिनेट बैठक के बाद प्रेस कांफ्रेंस में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने यह जानकारी दी. मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखंड हमारे भारत का एक ऐसा जीवंत राज्य है जिसकी संस्कृति और विरासत सदियों से भारतीय सभ्यता के मूल में समाहित रही है. भारतीय जनमानस के लिए उत्तराखंड एक देवभूमि है, जो कि हमारे वेदों-पुराणों, ऋषियों-मनीषियों के ज्ञान और आध्यात्म का केंद्र रही है. भारत के कोने कोने से लोग बड़ी आस्था और भक्ति के साथ उत्तराखंड आते है. इसलिए उत्तराखंड की सांस्कृतिक – आध्यात्मिक विरासत की रक्षा अहम है. 130 करोड़ लोगों की आस्था का केंद्र माँ गंगा का उद्गम स्थल भी उत्तराखंड ही है. भारत का मुकुट हिमालय, और उसकी कोख में पनपती प्रकृति उत्तराखंड की धरोहर हैं. इसलिए उत्तराखंड में पर्यावरण की रक्षा भी अहम है.
उत्तराखंड देश के लिए सामरिक दृष्टि से भी एक अत्यंत महत्वपूर्ण राज्य है. दो देशों की अंतर्राष्ट्रीय सीमाओं से जुड़ा होने के कारण भारत के लिए इस राज्य का भौगोलिक और रणनीतिक महत्व काफी बढ़ जाता है. इसलिए राष्ट्ररक्षा के लिए भी उत्तराखंड की भूमिका अहम है.
उत्तराखंड के नागरिकों का भारतीय सेनाओं के साथ एक लंबा और गौरवशाली संबंध रहा है. यहाँ के लोगों ने पीढ़ी दर पीढ़ी अपने आपको देश की सुरक्षा के लिए समर्पित किया है. इस धरती के कितने ही वीर सपूतों ने देश के लिए अपने सर्वोच्च बलिदान दिये हैं. यहाँ लगभग हर परिवार से कोई पिता, कोई बेटा, कोई बेटी देश के किसी न किसी हिस्से में हमारी सेनाओं के माध्यम से मातृभूमि की सेवा में जुटा है.
मुख्यमंत्री ने कहा कि उपरोक्त पृष्ठभूमि में उदेश्य को प्राप्त करने के लिए उत्तराखण्ड राज्य में रहने वाले सभी नागरिकों के व्यक्तिगत नागरिक मामलों को नियंत्रित करने वाले सभी प्रासंगिक कानूनों की जांच करने और मसौदा कानून या मौजूदा कानून में संशोधन के साथ उस पर रिपोर्ट करने के लिए विवाह, तलाक, सम्पत्ति के अधिकार, उत्तराधिकार से सम्बंधित लागू कानून और विरासत, गोद लेने और रख रखाव और संरक्षता इत्यादि के लिए एक विशेषज्ञों, वुद्धिजीवियों और हितधारकों की एक समिति मा० उच्चतम न्यायालय / मा० उच्च न्यायालय के सेवानिवृत्त न्यायाधीश / मुख्य न्यायाधीश की अध्यक्षता में, गठित करने का प्रस्ताव है. राजपत्र में अधिसूचना के माध्यम से उत्तराखण्ड सरकार उपरोक्तानुसार एक समिति का गठन करेगी जिसमें उसकी संरचना, संदर्भ की शर्तें आदि का भी उल्लेख रहेगा.