आज से चार दिनों तक उत्तराखंड में सिर्फ मैदानी ही नहीं बल्कि पहाड़ी इलाकों में भी भीषण गर्मी पड़ने के आसार हैं।
अभी अप्रैल का पहला पखवाड़ा भी नहीं बीता, लेकिन बढ़ती गर्मी बेचैनी बढ़ाने लगी है। उत्तर भारत में हीट वेव का असर बरकरार है। मैदानी इलाकों में इस समय भीषण गर्मी और लू चल रही है। चिलचिलाती धूप ने लोगों को घरों में कैद रहने को मजबूर कर दिया है। आज से चार दिनों तक उत्तराखंड में सिर्फ मैदानी ही नहीं बल्कि पहाड़ी इलाकों में भी भीषण गर्मी पड़ने के आसार हैं। मौसम विभाग ने नौ अप्रैल से 12 अप्रैल तक तापमान सामान्य से बहुत अधिक रहने की आशंका जताते हुए रेड अलर्ट जारी किया है। तापमान बढ़ने से बर्फ पिघलने और हिमस्खलन का खतरा बढ़ गया है। जंगलों में आग लगने की घटनाएं बढ़ सकती हैं। भीषण गर्मी से फसलों और सब्जियों को नुकसान होने की आशंका जताई गई है। नौ तारीख से लेकर 12 तारीख तक उत्तरकाशी, टिहरी, चमोली, रुद्रप्रयाग, पिथौरागढ़, अल्मोड़ा, बागेश्वर, नैनीताल और चंपावत जैसे पर्वतीय जिलों में तापमान के सामान्य से बहुत अधिक रहने की आशंका है।
इसे ध्यान में रख इन इलाकों के लिए रेड अलर्ट जारी किया गया है। फलों और सब्जियों की खेती पर गर्मी का असर दिखेगा। पर्वतीय जिलों में कुछ स्थानों पर वनाग्नि की घटनाएं भी बढ़ सकती हैं। उत्तरकाशी, चमोली, रुद्रप्रयाग, पिथौरागढ़ और बागेश्वर जिलों में उच्च हिमालयी क्षेत्रों (3500 मीटर से ज्यादा) वाले इलाकों में बर्फ पिघलने से हिमस्खलन होने का खतरा है। किसानों को फसल की नियमित तौर पर सिंचाई करने की सलाह दी गई है, ताकि इन्हें धूप में झुलसने से बचाया जा सके। इस साल मार्च महीने में भी प्रदेश में भीषण गर्मी और लू की स्थिति बनी रही। हिमालयी क्षेत्रों में भी तापमान तेजी से बढ़ रहा है। तापमान बढ़ने के साथ ही जंगलों में आग लगने की घटनाएं भी बढ़ी हैं। अगले चार दिनों तक गर्मी से राहत मिलने के आसार नहीं हैं।