एक सौ बीस मेगावाट की व्यासी परियोजना के लिए विस्थापित किया गया लोहारी गांव हमेशा के लिए बांध की झील में जलमग्न हो गया.
व्यासी जल विद्युत परियोजना में पानी का भराव भी शुरू हो गया है. इस परियोजना में 71 परिवारों का विस्थापन कराया जाना है. इसी के साथ प्रशासन ने गांव के आस-पास ही विस्थापितों को जमीन और घर देने का वादा किया है. साथ ही गांव के लोगों ने बताया कि ज्यादातर लोग गांव छोड़कर जा चुके हैं. गांव में रहने वाले परिवारों को गांव में ही बने एक राजकीय प्राथमिक विद्यालय व जलविद्युत निगम की कालोनी के 12 अन्य मकानों में शिफ्ट किया गया. इसके अलावा परिवारों को अस्थायी रूप से रहने के लिए छह माह का किराया देने की भी व्यवस्था निगम करेगी.
120 मेगावाट की यह जल विद्युत परियोजना प्रदेश को बिजली की समस्या से मुक्त कराने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी. पानी की मात्रा पूरी हो जाने के बाद इसी सप्ताह से टरबाइनों से उत्पादित होने वाली बिजली को पावर ग्रिड में तक पहुंचाने का कार्य शुरू हो जायेगा. अप्रैल के अंतिम सप्ताह तक प्रदेश को परियोजना से बिजली मिलनी शुरू हो जाएगी. ग्रामीणों को निर्धारित मुआवजा व अन्य तमाम प्रकार के देय का भुगतान पहले ही कर दिया गया है.