मगलवार को 33 हजार 348 तीर्थ यात्रियों ने चारों धामों के दर्शन किए। अभी तक 22 लाख 89 हजार 713 श्रद्धालु चारों धामों के दर्शन कर चुके हैं।
कोरोना की पाबंदियां खत्म होने के बाद इस साल बड़ी संख्या में लोग चारधाम की यात्रा पर पहुंचे हैं। उत्तराखंड में चारधाम यात्रा नया रिकॉर्ड बनाने की तरफ आगे बढ़ रही है। 2019 की तुलना में इस बार मात्र डेढ़ माह में ही दो तिहाई तीर्थयात्री चारधामों में पहुंच चुके हैं। उत्तराखंड में चल रही चारधाम यात्रा में इस साल जहां रिकॉर्ड संख्या में श्रद्धालु पहुंच रहे हैं, तो वहीं पिछले वर्षों के मुकाबले इस बार तीर्थयात्रियों की मौत में भी रिकॉर्ड इजाफा देखने को मिल रहा है जो कि चिंताजनक विषय बना है। चारों धामों में श्रद्धालुओं की संख्या साढ़े 22 लाख के पार पहुंच गई है। मंगलवार शाम 4 बजे तक 22 लाख 89 हजार 713 श्रद्धालु चारों धामों के दर्शन कर चुके हैं। जबकि, मगलवार को 33 हजार 348 तीर्थ यात्रियों ने चारों धामों के दर्शन किए।
कोरोना काल से पहले साल 2019 में चारधाम यात्रा पर कुल 32 लाख 38 हजार 47 यात्री आए थे। कहा जा रहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की केदारनाथ और बद्रीनाथ मंदिरों की लगातार यात्राओं ने चारधाम यात्रा के लिए अभूतपूर्व संख्या में तीर्थयात्रियों को आकर्षित किया है। जारी आंकड़ों की बात करे तो केदारनाथ में 6 मई से अभी तक 7 लाख 65 हजार 431 तीर्थ यात्री दर्शन कर चुके हैं। मंगलवार यानी 21 मई को 8,437 तीर्थ यात्रियों ने बाबा केदार के दर्शन किए। बदरीनाथ धाम में 8 मई से अभी तक 8 लाख 6 हजार 229 तीर्थ यात्री बदरी विशाल के दर्शन कर चुके हैं। मंगलवार को शाम 4 बजे तक 7,210 श्रद्धालु दर्शन कर चुके हैं। ऐसे में बदरीनाथ और केदारनाथ पहुंचने वाले कुल तीर्थयात्रियों की संख्या 15,71,660 पहुंच गई है। वहीं, गुरुद्वारा श्री हेमकुंड साहिब में अभी तक 1,19,580 तीर्थयात्री मत्था टेक चुके हैं।
बीते तीन मई से चारधाम यात्रा का आगाज हो गया था। यात्रा में मध्य प्रदेश, हरियाणा, राजस्थान, दिल्ली, गुजरात, महाराष्ट्र आदि प्रांतों के तीर्थयात्रियों की भीड़ उमड़ी। चारधामों में तीर्थयात्रियों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए पहली बार स्वास्थ्य विभाग ने यात्रा मार्गों पर 9 स्थानों पर हेल्थ स्क्रीनिंग शुरू की है। ऊंचाई वाले क्षेत्रों में ठंड और ऑक्सीजन की कमी से स्वास्थ्य पर पड़ने पर विपरीत प्रभाव के लिए 30 डॉक्टरों को उपचार के लिए प्रशिक्षण दिया गया। इसके अलावा हृदय रोगियों के लिए 12 डाक्टरों को कॉर्डियोलॉजी ट्रेनिंग देकर तैनात किया गया है। 2019 की तुलना में 107 मेडिकल अफसर के मुकाबले इस बार 178 डॉक्टर यात्रा ड्यूटी में तैनात किए गए हैं।