उत्तराखंड की जेलों में क्षमता से अधिक अपराधी, कर्मचारी भी कम.... भगवान भरोसे सुरक्षा
Published:
05 Oct 2023
उत्तराखंड की जेलों में कैदी हाउस फुल हो गए हैं। जेल कर्मचारियों को कैदियों को संभालना कठिन हो रहा है। उत्तराखंड सरकार इस बात से चिंतित हैं। राज्य सरकार के लिए इतने बंदियों के लिए जरुरी व्यवस्था तैयार करना जटिल हो रहा है।
उत्तराखंड की जेलों में कैदियों से हाउस फुल हो गए हैं। प्रदेश की जेलों में क्षमता के हिसाब से 192 प्रतिशत की क्षमता से अधिक भीड़ हो गई है। इस तथ्य की गणना करने पर अंदाजा लगाया जाये तो राज्य की जेलों में 3741 कैदियों के सापेक्ष जेलों में 7181 बंदी कैद हैं। सरकार इस बात को लेकर चिंतित है। राज्य सरकार के लिए इतने बंदियों के लिए जरुरी व्यवस्था तैयार करना जटिल हो रहा है। जेल परिषद की बैठक में भी इस बात की चिंता जताई गई है। इसके बाद सरकार नई जेलों का निर्माण करवाएगी उत्तराखंड के 4 जिलों रुद्रप्रयाग, उत्तरकाशी, चम्पावत और बागेश्वर में अभी तक कारागार नहीं हैं।
इस समस्या को देखते हुए राज्य सरकार ने ऊधमसिंह नगर और पिथौरागड़ में बन रही नई जेलों के निर्माण में तेजी लाने के निर्देश दिए हैं। सूत्रों के मुताबिक पता चला है कि कारागारों में क्षमता से अधिक कैदी होने के कारण जेलों को सुधार करने की योजना की जा रही है। इस कारण से ही राज्य सरकार द्वारा नए कारागारों के निर्माण पर फोकस किया जा रहा है। राज्य के चार जिलों में कारगार नहीं बने हैं। इस कारण इन जिलों के अपराधियों का दबाव भी अन्य जिलों के कारागारों पर रहता है। उत्तराखंड में कुल 11 कारगर सक्रीय हैं और इनमे से 7 जिला कारागार और 2 उप कारागार हैं। सितारगंज में 1 खुली जेल है। मौजूदा जेलों में अन्य राज्यों के कैदियों को बंद किया जाता है। इस कारागारों में से ज्यादातर कारागार अंग्रेजों के जमाने के हैं। इस समस्या से चिंतित सरकार हो सकता है जल्द ही नई जेलों का निर्माण करवाएगी।