उत्तराखंड: जवाब न देने पर शिक्षा विभाग पर नैनीताल हाईकोर्ट ने लगाया जुर्माना
Published:
06 Oct 2023
नैनीताल हाईकोर्ट ने उत्तराखंड के सरकारी स्कूलों में छात्रों की और से जमा की जाने वाली संचयिका के लाखों रूपये की गड़बड़ी और छात्रों को पैसे वापस न लौटाए जाने के मामले में जनहित याचिका पर सुनवाई के बाद अभी तक जवाब दाखिल नहीं करने पर 25000 रूपये का अर्थदं
नैनीताल हाईकोर्ट ने उत्तराखंड के स्कूलों में छात्रों की ओर से जमा की जाने वाली संचायिका के लाखों रूपये में गड़बड़ी और रूपये छात्रों को वापस न लौटाए जाने के मामले में दायर जनहित याचिका पर सुनवाई के बाद अभी तक जवाब दाखिल नहीं करने पर शिक्षा विभाग ने 25000 रूपये का जुर्माना लगाया है। नैनीताल हाईकोर्ट के मुख्य न्ययाधीश विपिन सांघी एवं न्यायमूर्ति राकेश थपलियाल की खंडपीठ के सामने मामले की सुनवाई हुई। नैनीताल हाईकोर्ट का सख्त रुख: उत्तराखंड शिक्षा विभाग पर घोटाले के मामले में 25000 रूपये का जुर्माना लगाया है।
मामले के अनुसार RTI क्लब ने हाईकोर्ट में जनहित दायर किया की राज्य के सरकारी स्कूलों में 2016 तक विद्यार्थियों को बचत के लिए प्रोत्साहित करने के लिए कुछ धनराशि फीस के साथ संचयिका के रूप में कराई जाती थी। और बाद में स्कूल पूरा होने पर बच्चों को उनकी बचत धनराशि वापस दी जाती थी। लेकिन उत्तराखंड के बहुत से स्कूलों ने संचायिका का बचत रूपये छात्रों को वापस नहीं लौटाया। और इसमें गड़बड़ी कर संचायिका योजना का दुरूपयोग किया। जनहित याचिका में कहा गया है कि संचायिका का पैसा छात्रों को वापस किया जाए और इसमें घोटाला करने वाले स्कूलों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए। अगर स्कूल इस पैसे को वापस नही़ करते है तो इसका उपयोग स्कूल के सुविधाओं में किया जाए।