दोनों छात्राओं की मदद के लिए जिलाधिकारी द्वारा आर्थिक सहाय़ता प्रदान की गई, जो वास्तव में सराहनीय काम है।
उत्तराखंड में कुछ जिलाधिकारी ऐसे हैं, जो वास्तव में बेहतर काम कर रहे हैं। शिक्षा, रोजगार, स्वास्थ्य के क्षेत्र में कुछ जिलाधिकारियों के कामों को देखकर गर्व होता है। ऐसे हैं एक जिलाधिकारी हैं सविन बंसल। नैनीताल की कमान संभाल रहे आईएएस सविन बंसल हाल ही में दो गरीब छात्राओं के लिए मददगार बने। शिक्षा समाज के हर तबके तक पहुंचनी चाहिए। ऐसे में सविन बंसल गरीब बेटियों के अच्छी शिक्षा के सपनो को साकार करने की दिशा में लगातार कार्य कर रहे हैं। हाल ही में सविन बंसल ने डी.फार्मा की छात्रा कुमारी अर्चना को आगे की पढ़ाई जारी रखने के लिए 34 हजार रूपये तथा बी.एड की छात्रा कुमारी.कान्ता को चालीस हजार रूपये की आर्थिक मदद प्रदान की। आगे पढ़िए इस बारे में पूरी खबर
दरअसल सितम्बर माह के पहले सप्ताह में जिलाधिकारी बंसल को व्हाट्सअप पर भौनियाधार निवासी कुमारी अर्चना ने अप्रोच किया। अर्चना ने बताया कि वो डी.फार्मा की छात्रा है। घर की आर्थिक स्थिति खराब होने के कारण पढ़ाई में बाधा आ रही है। कोरोना काल में पिता की आर्थिक खराब होने के कारण शुल्क जमा करने में असमर्थता व्यक्त करते हुए आगे की पढ़ाई जारी रखने के लिए आर्थिक मदद की गुहार लगायी। जिसका संज्ञान लेते हुए जिलाधिकारी सविन बंसल ने मामले की जांच करवाई। पता चला कि वास्तव में अर्चना को पढ़ाई के लिए धनराशि की जरूरत है। जिलाधिकारी बंसल ने सभी औपचारिकताऐं पूरी कराते हुए बालिका की पढ़ाई जारी रखने के लिए 34 हजार रूपये जमा कराए गए। आगे पढ़िए अगला मामला
इसके अलावा 16 सितम्बर को जवाहर खत्ता दमुवाढुंगा हल्द्वानी निवासी कुमारी कान्ता आर्या डीएम कैम्प कार्यालय में उपस्थित हुई थी । वहां उन्होंने दुखी मन से बताया कि वो बी.एड की छात्रा है। छात्रा ने बताया कि वह बेसहारा है और आय का कोई स्त्रोत नहीं है। छात्रवृत्ति न मिल पाने व आर्थिक तंगी के कारण बी.एड की फीस जमा करने में असमर्थ है। छात्रा ने आगे की पढ़ाई जारी रखने हेतु मदद की गुहार लगायी। जिस पर जिलाधिकारी सविन बंसल ने जिला प्रोबेशन अधिकारी से जाॅच कराते हुए बालिका की चालीस हजार रूपये की धनराशि जमा करायी। दोनो बालिकाओं द्वारा जिलाधिकारी श्री सविन बंसल का आभार व्यक्त किया। आईएएस सविन बंसल का मानना है कि उज्ज्वल भविष्य के लिए बेटियों का शिक्षित एवं सशक्तिकरण होना बहुत आवश्यक है। वास्तव ऐसी सोच को सलाम है।