1719 मेगावाट के 5 प्रोजेक्ट में 17000 करोड़ रुपये का निवेश किया जाएगा। और इसके साथ ही युवाओं को रोजगार के लगभग 900 अवसर मिलेंगे।
उत्तराखंड राज्य भारत के ऊर्जा क्षेत्र को मजबूत करने में अहम भूमिका निभा रहा है। राज्य की बिजली परियोजनाओं से उत्तराखंड के साथ - साथ देश के अन्य राज्यों की भी बिजली संबंधी आवश्यकताएं पूरी हो रही हैं। इस कड़ी में राज्य के THDCIL एवं UJVNL को 1719 मेगावाट की पांच परियोजनाएं तैयार करने की जिम्मेदारी सौंपी गई है। टिहरी हाइड्रो डेवलपमेंट कारपोरेशन इंडिया लिमिटेड (THDCIL)और उत्तराखंड जल विद्युत निगम लिमिटेड(UJVNL) के संयुक्त उपक्रम THDCIL-UJVNL एनर्जी कंपनी लिमिटेड की ओर से उत्तराखंड राज्य में 5 जल विद्युत परियोजनाओं का विकास और निर्माण किया जाएगा। राज्य में होने वाली ये परियोजनाएं कुल 1719 मेगावाट की होंगी। बुधवार को देहरादून में आयोजित एनर्जी कान्क्लेव में CM धामी ने THDCIL के निदेशक भूपेंद्र गुप्ता को औपचारिक रूप से आवंटन पत्र प्रदान किए।
देहरादून में आयोजित एनर्जी कानक्लेव के इस मौके पर THDC के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक RK विश्नोई ने बताया कि ये परियोजनाएं पूर्ण होने पर 1719 मेगावाट की स्वच्छ एनर्जी की सेवा प्रदान करेंगी, और इस परियोजना में 17000 करोड़ रुपये का इन्वेस्ट किया जाएगा। और साथ ही इस योजना से राज्य के युवाओं को रोजगार के लगभग 900 अवसर मिलेंगे। इन परियोजनाओं की जिम्मेदारी THDCIL व UJVNL एनर्जी कंपनी लिमिटेड को सौंपी गई है, उनमें उत्तरकाशी में मोरी-हनोल जल विद्युत परियोजना (63 मेगावाट), पिथौरागढ़ में उर्थिग-सोबला जल विद्युत परियोजना (280 मेगावाट), पिथौरागढ़ में बोगुदियार-सिरकारी भ्योल जल विद्युत परियोजना (146 मेगावाट), टिहरी गढ़वाल में पुनगढ़-मटियाला पंप स्टोरेज प्लांट (600 मेगावाट) और पौड़ी गढ़वाल में जसपालगढ़ पंप स्टोरेज प्लांट (630 मेगावाट) शामिल हैं। कुल मिलाकर Uttarakhand Power Sector Investment एक अच्छा संकेत है। ये परियोजनाएं उत्तराखंड में रोजगार अवसरों को बढावा देंगे।