अब उत्तराखंड में फार्मेसिस्ट का पदनाम बदल कर फार्मेसी अधिकारी और चीफ फार्मेसिस्ट का चीफ फार्मेसी अधिकारी कर दिया गया है। एसोसिएशन की प्रदेश अध्यक्ष सुधा कुकरेती और महामंत्री सतीश पांडेय ने स्वास्थ्य मंत्री डा. धन सिंह रावत का आभार जताया है।
उत्तराखंड के सरकारी चिकित्सालयों में कार्यरत फार्मेसिस्ट अब फार्मेसी अधिकारी कहे जाएंगे। अपर सचिव अमनदीप कौर ने सोमवार को इस संबंध में शासनादेश जारी किया है। पदनाम परिवर्तन का शासनादेश जारी होने पर डिप्लोमा फार्मेसिस्ट एसोसिएशन की प्रदेश अध्यक्ष सुधा कुकरेती और महामंत्री सतीश पांडेय ने स्वास्थ्य मंत्री डा. धन सिंह रावत का आभार जताया है। बता दें, अन्य देश के अन्य राज्यों में फार्मेसिस्ट के पदनाम परिवर्तन के आदेश जारी होने के बाद वर्ष 2020 से ही यह डिप्लोमा फार्मेसिस्ट एसोसिएशन की प्रमुख मांग रही है। शासनादेश के अनुसार अब फार्मेसिस्ट का पदनाम बदल कर फार्मेसी अधिकारी और चीफ फार्मेसिस्ट का चीफ फार्मेसी अधिकारी कर दिया गया है।
अपनी यह मांग पूरी होने पर फार्मेसिस्ट संघ की प्रदेश अध्यक्ष सुधा कुकरेती की और महामंत्री डॉ सतीश चंद्र पांडेय की अध्यक्षता में संघ की मुख्य कार्य संपादन समिति की वर्चुअल बैठक का आयोजन किया गया। बैठक में वरिष्ठ उपाध्यक्ष अनिल बिष्ट, उपाध्यक्ष ब्रिजेश कुमार, संगठन मंत्री टीआर रौथाण, संयुक्त मंत्री आजाद चौधरी, कोषाध्यक्ष हरीश उनियाल, संप्रेक्षक संजय कुमार असवाल आदि ने पदनाम परिवर्तन से जुड़ी संगठन की प्रमुख मांग पूरी होने पर स्वास्थ्य मंत्री का आभार प्रकट किया।उन्होंने कहा कि विषम भौगोलिक परिस्थितियों वाले उत्तराखंड राज्य की स्वास्थ्य सेवा की निरंतरता में फार्मेसिस्ट की महत्वपूर्ण भूमिका रही है और ग्रामीण क्षेत्रों में आज भी फार्मेसिस्ट ही औषधि के साथ न्यूनतम उपचार उपलब्ध करा रहे हैं, जिसे दृष्टिगत रख उत्तराखंड सरकार ने उन्हें फार्मेसी अधिकारी के पदनाम से नवाजा है।