उत्तराखंड में 15 मार्च को शासनादेश जारी कर दिया गया है। अन्य राज्यों के डीजल वाहनों का उत्तराखंड में प्रवेश करते ही फास्टैग के माध्यम से ग्रीन एंट्री सेस (Green entry cess) कटेगा।
उत्तराखंड में "स्वच्छ गतिशीलता परिवर्तन नीति" (CMTP) लागू करने के लिए 15 मार्च को शासनादेश जारी कर दिया गया है। अन्य राज्यों के डीजल वाहनों का उत्तराखंड में प्रवेश करते ही फास्टैग के माध्यम से ग्रीन एंट्री सेस (Green Entry Cess) कटेगा। धामी सरकार अब बाहरी राज्यों से उत्तराखंड में प्रवेश करने वाले डीजल वाहनों से ग्रीन एंट्री सेस लेने के लिए "भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण" (NHAI) के साथ कॉन्ट्रेक्ट करने जा रही है। 14 मार्च को कैबिनेट ने राज्य में "स्वच्छ गतिशीलता परिवर्तन नीति" को मंजूरी दी। साथ ही सरकार सार्वजनिक डीजल वाहनों को बदलकर CNG अथवा इलेक्ट्रिक वाहनों को खरीदने के लिए लोगों को प्रोत्साहित करेगी।
इसके अलावा CNG अथवा इलेक्ट्रिक वाहनों को खरीदने के लिए अनुदान राशि देने का फैसला भी सरकार ने लिया है। बताया जा रहा है कि "स्वच्छ गतिशीलता परिवर्तन नीति" योजना को उत्तराखंड राज्य परिवहन विभाग चलाएगी और राज्य परिवहन की ओर से ही इस योजना को वित्त पोषित किया जाएगा। इस नीति के लागू होने में तो अभी वक्त है, पर अभी उत्तराखंड में देश के अन्य राज्यों से आने वाले डीजल वाहनों की चैकिंग में सख्ती की जाएगी। डीजल वाहनों का उत्तराखंड में प्रवेश करते ही फास्टैग के माध्यम से ग्रीन एंट्री सेस (Green entry cess) कटना भी शुरू हो जाएगा। सरकार NHAI के साथ कॉन्ट्रेक्ट कर बाहरी राज्यों से प्रवेश करने वाले डीजल वाहनों से ग्रीन एंट्री सेस लेना शुरू करेगी।