उत्तराखंड के सरकारी स्कूलों की बेटियां अब 'रानी लक्ष्मीबाई सेल्फ डिफेंस ट्रेनिंग' के तहत जूडो, कराटे और ताइक्वांडो सीखेंगी।
इस पहल का मुख्य लक्ष्य छात्राओं को आत्मरक्षा के कौशल सिखाना और आपराधिक गतिविधियों पर नियंत्रण पाना है। समग्र शिक्षा अभियान के तहत तीन महीने चलने वाले इस प्रशिक्षण में 2,550 छात्राएं शामिल होंगी।
उत्तराखंड सरकार द्वारा शुरू की जा रही इस नई पहल के तहत बेटियां अब मनचलों से मुकाबला करने के लिए आत्मरक्षा के तकनीक सीखेंगी। इससे न केवल उनकी सुरक्षा सुनिश्चित होगी, बल्कि उनके माता-पिता की चिंताएं भी कम होंगी। आत्मनिर्भरता और आत्मविश्वास को बढ़ावा देने के उद्देश्य से रानी लक्ष्मीबाई सेल्फ डिफेंस ट्रेनिंग के तहत स्कूलों में जूडो, कराटे और ताइक्वांडो जैसे मार्शल आर्ट्स की विशेष ट्रेनिंग दी जाएगी। पहले चरण में छठी से बारहवीं कक्षा तक की 2,550 छात्राओं को इस प्रशिक्षण में शामिल किया जाएगा। स्कूलों के प्रधानाचार्य स्थानीय स्तर पर प्रशिक्षकों की व्यवस्था करेंगे जो तीन महीने तक इस ट्रेनिंग को संचालित करेंगे।
समग्र शिक्षा अभियान के अंतर्गत प्रारंभिक शिक्षा के 680 और माध्यमिक शिक्षा के 1,870 स्कूलों को आत्मरक्षा प्रशिक्षण के लिए चुना गया है। इन स्कूलों के प्रधानाचार्यों को अपने क्षेत्र से प्रशिक्षकों का चयन करना होगा और कक्षा में विशेष समय पर आत्मरक्षा का प्रशिक्षण प्रदान करना होगा। तीन महीने की अवधि में छात्राओं को जूडो, कराटे और ताइक्वांडो का अलग-अलग प्रशिक्षण दिया जाएगा, ताकि वे मनचलों को तुरंत जवाब देने में सक्षम हो सकें। इसके अतिरिक्त उन्हें एक साथ कई हमलावरों से कैसे बचें इस पर भी जानकारी प्रदान की जाएगी। चयनित प्रत्येक विद्यालय को तीन महीने तक प्रतिमाह पांच हजार रुपये की राशि प्रदान की जाएगी। सरकार ने रानी लक्ष्मीबाई सेल्फ डिफेंस ट्रेनिंग के तहत कुल 3 करोड़ 82 लाख 50 हजार रुपये का प्रविधान किया है।