योगी-त्रिवेंद्र की जोड़ी का जलवा, उत्तराखंड को मिला अरबों रुपये का तोहफा
एक बड़ी खबर निकलकर सामने आ रही है। बताया जा रहा है कि उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड के सचिवों के बीच एक बैठक हुई। ये बैठक देहरादून में बीती सात अप्रैल को हुई थी। इस बैठक में इस बात पर सहमति बनी है कि यूपी आवास विकास परिषद की उत्तराखंड में मौजूद 10 अरब से ज्यादा की संपत्तियां नीलामी के जरिए बेची जाएंगी। यूपी आवास विकास परिषद द्वारा इस संपत्ति को बेचने के लिए अब एनओसी ली जाएगी। संपत्तियों को बेचने के बाद मिली रकम का बंटवारा दोनों परिषदों द्वारा किया जाएगा। पहले ये रकम यूपी आवास विकास परिषद के नाम पर फिक्स्ड डिपोजिट की जाएगी। ये फिक्स्ड डिपोजिट उत्तराखंड आवास विकास परिषद के पास ही बंधक रहेगी। जब दोनों ही राज्यों के बीच संपत्तियों के बंटवारे का फैसला होगा, तब दोनों की परिषद इस रकम का बंटवारा करेंगी। इन संपत्तियों के बंटवारे और बिक्री को लेकर काफी वक्त से माथापच्ची चल रही थी।
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आखिरकार अब जाकर दोनों राज्यों के बीच ये मसला सुलझा है। बताया जा रहा है कि इसे लेकर सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत और यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ के बीच बातचीत भी हुई थी। इसके बाद सचिव स्तर की मीटिंग में इन बातों पर सहमति बन सकी है। उत्तराखंड बनने के बाद से यूपी आवास विकास परिषद का अधिकार इन संपत्तियों पर खत्म हो गया था, लेकिन पेंच ये था कि ये जमीनें यूपी आवास विकास के नाम ही थीं। इस वजह से कानूनी तरीके से यूपी आवास विकास परिषद द्वारा ही इन्हें बेचा जा सकता है। यूपी आवास विकास परिषद ने इन संपत्तियों को बीच में बेचने की कोशिश भी की थी। इस दौरान उत्तराखंड सरकार ने इस पर रोक लगा दी थी। वहां उत्तराखंड आवास विकास परिषद गठित किया गया था। इस वजह से उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड के बीच तनाव बढ़ रहा था। तब से आज तक विवाद ही चल रहा है। खास बात ये है कि ये केस हाईकोर्ट में भी चल रहा है।
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