अनुभव डिमरी ने यूपीएससी सिविल सर्विसेज परीक्षा में पास होकर जिले और प्रदेश का मान बढ़ाया है। उनकी इस उपलब्धि पर उनके गांव और जिले में खुशी की लहर है।
किसी ने सच ही कहा है। संघर्ष जितना कठिन हो, सफलता उतनी ही शानदार होगी। चमोली के होनहार लाल अनुभव डिमरी ने आईएएस अफसर बनकर इस बात को सच कर दिखाया। अनुभव डिमरी ने यूपीएससी सिविल सर्विसेज परीक्षा में पास होकर जिले और प्रदेश का मान बढ़ाया है। उनकी इस उपलब्धि पर उनके गांव और जिले में खुशी की लहर है। पिता चंद्रशेखर डिमरी भी बेटे अनुभव की सफलता पर खुशी से फूले नहीं समा रहे। अनुभव कर्णप्रयाग तहसील के डिम्मर गांव के रहने वाले हैं। साधारण परिवार से ताल्लुक रखने वाले अनुभव के पिता चंद्रशेखर डिमरी सेना से रिटायर होने के बाद रेलवे सुरक्षा में कोलकाता में तैनात हैं। पिता सेना में रहे, इसलिए अनुभव की पढ़ाई अलग-अलग जगहों पर हुई। साल 2019 में उन्होंने कंप्यूटर साइंस से बीएससी पास किया और यूपीएससी परीक्षा की तैयारियों में जुट गये। खूब मेहनत की और आखिरकार यूपीएससी-2020 की परीक्षा पास करने में सफल रहे।
अनुभव ने यूपीएससी सिविल सर्विसेज परीक्षा में 37वीं रैंक हासिल की है। परिजनों ने बताया कि अनुभव बचपन से ही आईएएस अफसर बनने का सपना देखा करते थे। इस सपने को पूरा करने के लिए उन्होंने कड़ा संघर्ष किया। अनुभव की सफलता इसलिए भी खास है क्योंकि वो पहले ही प्रयास में आईएएस अफसर बनने में सफल रहे हैं। गोपेश्वर के डिमरी धार्मिक केंद्रीय पंचायत के पूर्व अध्यक्ष सुरेश डिमरी, सचिव राजेंद्र प्रसाद डिमरी, दिनेश डिमरी, प्रधान राखी डिमरी और सुमन प्रसाद डिमरी आदि ने अनुभव की सफलता पर खुशी जताई। युवाओं को सफलता के टिप्स देते हुए अनुभव ने कहा कि अगर हर क्लास के सिलेबस को रिसर्च की तरह पढ़ा जाए तो हर एग्जाम पास किया जा सकता है। उनकी इसी सोच ने उन्हें आगे बढ़ने में मदद की।