अंकिता भंडारी को न्याय दिलाने के लिए आज 13 मार्च से कोटद्वार से परिजनों की न्याय यात्रा की शुरुआत होगी। परिजन जनता से न्याय की अपील करेंगे।
अंकिता भंडारी हत्याकांड मामले में अंकिता के परिजन लगातार न्याय के लिए लड़ाई लड़ रहे हैं। बेटी को न्याय दिलाने के लिए आज 13 मार्च से कोटद्वार से न्याय यात्रा की शुरुआत की जाएगी। दोषियों को सजा दिलाने अपनी बेटी को इंसाफ दिलाने के लिए परिजनों की लड़ाई लगातार जारी है। अंकिता की मां सोनी देवी बेटी को न्याय दिलाने के लिए हर सम्भव प्रयास कर रही हैं। श्रीमती सोनी देवी का कहना है कि अपनी बेटी अंकिता को इंसाफ दिलाने के लिए अगर उन्हें जरूरत पड़ी तो वो चुनाव लड़ने से पीछे नहीं हटेंगी। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि अंकिता भंडारी के माता-पिता और उनके अन्य परिजन बेटी अंकिता को इंसाफ दिलाने के लिए 28 फरवरी से श्रीनगर में धरने पर बैठे थे, जिसे उन्होंने 5 मार्च को समाप्त किया। पत्रकार आशुतोष नेगी ने इस केस में अंकिता के परिजनों का बुलंदी से साथ दिया। जिस कारण पत्रकार आशुतोष नेगी को 5 मार्च को गिरफ्तार कर लिया गया। जिसके बाद श्रीनगर में अंकिता को न्याय दिलाने की लड़ाई और भी तेज हो उठी थी। इस बात पर श्रीनगर गढ़वाल में तमाम सामाजिक-राजनीतिक संगठनों के लोगों ने विरोध जताया था। परिजनों का कहना है कि अगर उनको सरकार से न्याय नहीं मिल पाया तो वे जनता से मदद लेंगे। अंकिता की माँ का कहना है कि अब वे लोगों से संपर्क कर अपनी बेटी को इंसाफ दिलाने की अपील करेंगे। बेटी को न्याय दिलाने के लिए आज 13 मार्च से कोटद्वार से उनकी ये न्याय यात्रा की शुरुआत की जाएगी।अंकिता भंडारी के गरीब परिजन ने जनता से इस न्याय यात्रा को सफल बनाने की अपील की है, उन्हें उम्मीद है कि सरकार की तरह जनता उन्हें निराशा का मुख नहीं देखने देगी।
अंकिता भंडारी की माँ सोनी देवी ने धरने के समय बताया की उन्होंने अपनी बेटी को खोया है उसका दर्द वही समज सकती हैं। और वे अपनी बेटी को न्याय दिलाने के लिए हर प्रयास करेंगी, अगर उसके लिए उन्हें चुनाव भी लड़ना पड़ेगा तो वे लड़ेंगी। पहाड़ी स्वाभिमान सेना के आशीष नेगी का कहना है कि 13 मार्च से अंकिता न्याय यात्रा की शुरूआत की जा रही है। जिसमें वे युवाओं के साथ मिलकर अंकिता के लिए न्याय के साथ ही आशुतोष नेगी की रिहाई की मांग करेंगे। उन्होंने कहा वे आशुतोष नेगी से मिलने जेल गए थे, जहां उन्होंने बताया सरकार उन पर जबरन अन्य मुकदमे भी कर सकती है। पूर्व में भी सरकारी कार्य मे बाधा डालने, पुलिस की वर्दी फाड़ने का भी फर्जी मुकदमा उन पर किया गया है। अंकिता भंडारी के परिजनों का कहना है कि सरकार बेटी अंकिता को न्याय दिलाने के बजाय उन लोगों का साथ दे रही है जो मुजरिमों के खिलाफ सबूतों को मिटाने का कार्य कर रही है। उनका कहना है कि सरकार ना ही अंकिता के केस को फास्ट ट्रैक कोर्ट में ले गई, न ही सरकार द्वारा की गई घोषणा के अनुसार नर्सिंग कॉलेज का नाम अंकिता के नाम पर रखा गया। परिजनों का कहना है कि सरकार मुजरिमों को बचाने की कोशिश कर रही है। इसीलिए सबूत मिटाने वाले SDM और स्थानीय विधायक पर कोई भी कार्यवाही नहीं की जा रही है।