उत्तराखंड सरकार ने राज्य के 51 सीमावर्ती गावों को सशक्त बनाने के लिए "विलेज एक्शन प्लान" तैयार किया है। और जल्द ही यह प्लान केंद्र सरकार को भेजा जाएगा। सीमान्त गावो को अब सशक्त बनाया जाएगा।
उत्तराखंड के 51 सीमान्त गावों को सशक्त बनाने के लिए " विलेज एक्शन प्लान" बनाया गया है। 23 अक्टूबर तक विलेज एक्शन प्लान केंद्र सरकार को भेजा जाएगा। इसको लेकर "वाइब्रेंट विलेज प्रोग्राम" (VVP )की वर्चुअल बैठक में निर्देश दिए गए। इस बैठक में 51 सीमांत गावो को सशक्त बनाने के लिए बनाया गया "विलेज एक्शन प्लान "केंद्र सरकार को अति शीघ्र भेजने के लिए कहा गया है। केंद्रीय गृह अजय कुमार भल्ला की अध्यक्षता में हुई "वाइब्रेंट विलेज प्रोग्राम"(VVP) की बैठक में वर्चुअल माध्यम से भाग लेने के बाद उत्तराखंड की अपर मुख्य सचिव, राधा रतूड़ी ने बताया है कि, राज्य के 51 सीमान्त गावों का "विलेज एक्शन प्लान" जल्द से जल्द केंद्र सरकार को भेजने का निर्देश दिया गया है। उन्होंने कहा है कि केंद्र सरकार को "विलेज एक्शन प्लान" 23 अक्टूबर तक जल्द भेज दिया जाएगा। विलेज एक्शन प्लान के तहत राज्य के सीमान्त में सुधार किया जाएगा। वहां पर नई तकनीकी लाई जाएगी। इन सीमान्त गावों को सशक्त बनाने का कार्य किया जाएगा।
"वाइब्रेंट विलेज प्रोग्राम" की बैठक में राधा रतूड़ी ने केंद्रीय सचिव से चीन सीमा पर स्थित गावों से भारत, तिब्बत सीमा पुलिस (ITBP) और सेना द्वारा स्थानीय खरीददारी करने का आग्रह भी किया। जिससे उनकी आजीविका के साधन बढ़ेंगे और सीमान्त गावों से पलायन को रोका जा सकेगा। उक्त अनुरोधों पर भल्ला ने राज्य सरकार को सकारात्मक आश्वासन दिया। इन मुद्दों पर सात अक्टूबर को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह तथा उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के बीच बैठक में भी चर्चा हुई थी। "वाइब्रेंट विलेज प्रोग्राम’ के अन्तर्गत केंद्र सरकार सीमावर्ती गांवों को सशक्त बनाने का कार्य कर रही है। इन सीमान्त गांवों में सरकार सड़क, संपर्क, पेयजल, बिजली, मोबाइल और इंटरनेट, पर्यटन, सौर और पवन ऊर्जा सहित बहुउददेशीय केंद्र, स्वास्थ्य संबंधी बुनियादी ढांचा आदि सुविधाओं को विकसित करेगी। देश के पर्वतीय एवं सीमान्त राज्यों से इसकी शुरूआत की जा रही है। इस कार्यक्रम के तहत चार राज्यों-- उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश, अरुणाचल प्रदेश, सिक्किम तथा केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख की उत्तरी सीमा से सटे 19 जिलों के 46 ब्लॉकों में 2967 गांवो की पहचान की गई है। पहले चरण में प्राथमिकता के आधार पर 662 गांवों को चुना गया है। जिनमें अरुणांचल प्रदेश के 455 गांव, लद्दाख के 35, सिक्किम के 46, हिमाचल प्रदेश के 75 और उत्तराखंड के 51 सीमावर्ती गांवों को शामिल किया गया है ।